19 लाख से अधिक का हो चुका टीकाकरण, आज भी 42 बूथों पर आयोजनAligarh News

जिले में टीकाकरण अभियान तेजी से चल रहा है। सोमवार को प्रतिरक्षित लाभार्थियों का आंकड़ा 19 लाख को पार कर गया। इस तरह विभाग लक्ष्य से मात्र आठ लाख ही दूर है। अफसरों के अनुसार इसके लिए नियमित रूप से टीकाकरण जरूरी है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 11:05 AM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 11:05 AM (IST)
19 लाख से अधिक का हो चुका टीकाकरण, आज भी 42 बूथों पर आयोजनAligarh News
आज भी 39 बूथों पर टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाएंगे।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। जिले में टीकाकरण अभियान तेजी से चल रहा है। सोमवार को प्रतिरक्षित लाभार्थियों का आंकड़ा 19 लाख को पार कर गया। इस तरह विभाग लक्ष्य से मात्र आठ लाख ही दूर है। अफसरों के अनुसार इसके लिए नियमित रूप से टीकाकरण जरूरी है। लोग केंद्रों पर पहुंचे और टीका लगवाएं। आज भी 39 बूथों पर टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाएंगे।

अनिवार्य रूप से लगवाएं टीका

उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी शरद अग्रवाल ने बताया कि जिन लोगों ने अभी तक एक भी टीका नहीं लगवाया है, उनके लिए चिंता की बात है। अब देर न करें। केंद्रों पर पहुंचकर खुद को कोरोना से प्रतिरक्षित कर लें। जिन लोगों ने दूसरा टीका नहीं लगवाया है, वे भी अनिवार्य रूप से केंद्रों पर जाए। टीकाकरण को लेकर लापरवाही ठीक नहीं। आज जेएन मेडिकल कालेज, जिला मलखान सिंह चिकित्सालय, मोहन लाल गौतम महिला चिकित्सालय, पं. दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय समेत 32 केंद्रों पर टीकाकरण होगा। । रजिस्ट्रेशन व स्लाट बुक कराकर या फिर सीधे ही केंद्र पर पहुंचकर स्पाट रजिस्ट्रेशन के बाद टीका लगवा सकते हैं। ऐसी व्यवस्था की गई है, जिसमें केंद्रों पर अब ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ रहा।

अस्पतालों में बुखार के मरीजों की भरमार

अलीगढ़ : कोरोना की दूसरी लहर में जिस समय आफत दस्तक दे रही थी, उस समय तंत्र जांच और उपचार के लिए जरूरी इंतजाम नहीं हुए। अधिकारी इंतजार करते रहे कि जरूरत के हिसाब से हिसाब से संसाधन बढ़ाएंगे। फिर क्या हुआ, यह बताने की अब जरूरत नहीं। यही हाल, डेंगू और बुखार को लेकर हैं। महामारी जैसी स्थिति पैदा होने लगी है। जिस तेजी से मरीज बढ़ रहे हैं, उस तेजी से अस्पतालों में संशाधन बढ़ाने पर जोर नहीं है। हालात ये हैं कि अस्पतालों में हाउसफुल की स्थिति पैदा होने लगी है। जिला अस्पताल व दीनदयाल चिकित्सालय से मरीज लौटाए जाने लगे हैं। जबकि, पीकू वार्डों में भी अब बुखार के रोगी भर्ती किए जा रहे हैं। यदि जल्द ही ठोस रणनीति नहीं बनाई तो कोरोना काल की तरह अस्पतालों में मारामारी मचेगी। 

chat bot
आपका साथी