लड़की के नाम से बनाते थे फेसबुक आईडी, चैटिंग में लेते थे वाट्सएप नंबर और करते थे ब्लैकमेल, तीन दबोचे Aligarh news
साइबर थाना पुलिस ने मंगलवार को आनलाइन ठगी करने वाले झांसी के गिरोह के तीन सदस्यों को दबोचा है। गिरोह पहले फेसबुक पर लोगों से दोस्ती करता था। फिर झांसे में लेकर वाट्सएप पर कालिंग के दौरान अश्लील वीडियो बना लेता था और ब्लैकमेल करता था।
अलीगढ़, जेएनएन । साइबर थाना पुलिस ने मंगलवार को आनलाइन ठगी करने वाले झांसी के गिरोह के तीन सदस्यों को दबोचा है। गिरोह पहले फेसबुक पर लोगों से दोस्ती करता था। फिर झांसे में लेकर वाट्सएप पर कालिंग के दौरान अश्लील वीडियो बना लेता था और ब्लैकमेल करता था। आरोपितों से बैंक की पासबुक, मोबाइल व अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं। डीआइजी ने टीम को 10 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की है। वहीं एडीजी ने शाबाशी दी है।
झांसी से पकड़े गए तीन लोग
इंस्पेक्टर सुरेंद्र कुमार के मुताबिक, मूलरूप से बरेली के रहने वाले जेएन मेडिकल कालेज के एक डाक्टर के साथ 19 मई को ठगी हुई थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू की तो कुछ बैंक एकाउंट प्रकाश में आए, जिनमें रुपये ट्रांसफर हुए थे। तकनीकी संसाधनों की मदद से पुलिस गिरोह तक पहुंची और सोमवार को झांसी से तीन लोगों को पकड़ लिया। इनके नाम झांसी के थाना सिपरी बाजार के नानकगंज निवासी अशफाख अहमद, थाना सिपरी बाजार के ही चमनगंज कोयले वाली गली निवासी मोहम्मद जावेद व मोहम्मद शोएब हैं। इनके पास से दो मोबाइल, सात पासबुक, तीन चेकबुक, एटीएम कार्ड, आधार कार्ड व छह-सात सौ रुपये बरामद हुए हैं।
ऐसे करते थे लोगों से ठगी
आरोपित पहले किसी लड़की के नाम से फेसबुक पर फर्जी तरीके से आइडी बनाते हैं। उसी से पहले फ्रेंड रिक्येस्ट भेजकर दोस्ती की जाती है। यहां चैटिंग के दौरान वाट्सएप का नंबर ले लिया जाता है। इसके बाद वाट्सएप पर वीडियो काल की जाती हैं। इसी दौरान आपत्तिजनक हालात में वीडियो रिकार्ड कर ली जाती है। इसी वीडियो को परिचित और स्वजन को भेजने की धमकी देकर ब्लैकमेल किया जाता है। जेएन मेडिकल कालेज के डाक्टर के साथ भी ऐसा ही हुआ। ब्लैकमेलिंग के दौरान सबसे पहले 10 हजार ठगे गए। इसके बाद शातिर ने दिल्ली का क्राइम ब्रांच अधिकारी व आइपीएस अधिकारी बनकर और वीडियो को यू-ट्यूब पर वायरल होने से रोकने के एवज में तीन लाख 13 हजार 321 रुपये ठग लिए।
चार खाते फ्रीज, एक करोड़ का हुआ ट्रांजेक्शन
पुुलिस की जांच में सामने आया कि रुपये फोन-पे या अन्य माध्यम से बैंक एकाउंट में भेजे गए हैं। पुलिस ने चार बैंक खातों को फ्रीज किया है, जिनमें साढ़े 15 लाख, 35 लाख, 28 लाख व 30 लाख समेत करीब एक करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। इसके अलावा जयपुर का भी एक खाता मिला है, जिसमें 20-25 लाख का ट्रांजेक्शन है।
गिरोह के सरगना समेत दो फरार
इंस्पेक्टर सुरेंद्रव कुमार ने बताया कि पकड़ा गया जावेद पहले साउथ अफ्रीका में रहता था। वहां ट्रैवल कंपनी में टिकट बुकिंग का काम करता था। पिछले साल दिल्ली आ गया और प्राइवेट बैंक में ब्रांच सेल्स आफिसर बन गया। यहीं उसकी मुलाकात झांसी के ही विपुल से हुई, जो गिरोह का सरगना है। विपुल इसे फर्जी खाता खोलने के एवज में 15 हजार रुपये देता था। मई में इन्होंने पहला खाता खोला। इसके बाद जावे ने अपने चाचा के बेटे शोएब व उसके दोस्त अशफाख को भी शामिल कर लिया।
जयपुर से होती थी कालिंग
पुलिस के मुताबिक, जांच में राजस्थान के जयपुर के विवेक विहार कालोनी निवासी संजय सिंह का नाम सामने आया है। इसकी तलाश की जा रही है। ये भी पता चला है कि कालिंग राजस्थान के जयपुर और भरतपुर से होती थी। कालिंग करने वाले आरोपितों को भी ट्रेस किया जा रहा है।