Aligarh Exporters Face Difficulties: अमेरिका व दुबई ने शिपिंग चार्ज बढ़ाया, अलीगढ़ के निर्यातकों की मुश्किलें बढ़ी

कोरोना संकट के बीच निर्यातकों को एक और झटका लगा है। सीमित आयात व कंटेनरों की किल्लत के चलते शिपिंग चार्ज तीन गुना बढ़ गया है। इससे ताला हार्डवेयर व आर्टवेयर कारोबार बुरी तरह प्रभावित है। निर्यात आधा रह गया है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 07:56 AM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 07:56 AM (IST)
Aligarh Exporters Face Difficulties: अमेरिका व दुबई ने शिपिंग चार्ज बढ़ाया, अलीगढ़ के निर्यातकों की मुश्किलें बढ़ी
कोरोना संकट के बीच निर्यातकों को एक और झटका लगा है।

अलीगढ़, मनोज जादौन। कोरोना संकट के बीच निर्यातकों को एक और झटका लगा है। सीमित आयात व कंटेनरों की किल्लत के चलते शिपिंग चार्ज तीन गुना बढ़ गया है। इससे ताला, हार्डवेयर व आर्टवेयर कारोबार बुरी तरह प्रभावित है। लगभग 2500 करोड़़ रुपये का सालाना होने वाला निर्यात आधा रह गया है। पिछले पंद्रह दिन से तो बंदी की कगार पर है।

कंटेनर विदेशी बंदरगाहों पर अटके

अलीगढ़ में ताला, हार्डवेयर व आर्टवेयर का लगभग 32 हजार करोड़ रुपये का सालाना कारोबार है। यहां छोटी-बड़ी पांच हजार फैक्ट्रियों में ताला, पीतल की मूॢतयां, विंडो फिटिंग, डोर फिटिंग, आटोमोबाइल्स पाट्र्स, बिल्डिंग फिटिंग व बिजली फिटिंग के उत्पाद बनते हैं। पिछले साल मार्च में इस कारोबार को ब्रेक लगे थे। सितंबर के बाद पटरी पर लाने का प्रयास किया गया, लेकिन निर्यात को पूरी रफ्तार नहीं मिल सकी। जिले में 250 निर्यातक हैं, जिन्हेंं जनवरी से ही कंटेनर की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। निर्यातक राजीव अग्रवाल ने बताया कि सीमित आयात होने के चलते कंटेनर विदेशी बंदरगाहों पर अटके हैं। यहां कंटेनरोंं की कम उपलब्धता से दिक्कतें बढ़ गई हैं। एक माह पहले बुकिंग करानी पड़ रही है। मांग अधिक होने से शिपिंग एजेंसियों ने चार्ज बढ़ा दिए हैं, जो तीन गुने तक हो गए हैं। निर्यातक दिनेशचंद्र वाष्र्णेय ने बताया कि कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि आयात न होने के कारण विदेशों से कंटेनर खाली आ रहे हैं। इससे खर्च बढ़ गया है, जिसके चलते चार्ज बढ़ाया गया है।

 ये हैं कारण

- सीमित आयात होने से कंटेनर विदेशी बंदरगाहों पर अटके हुए हैं।

- भारत में कंटेनरों की उपलब्धता कम है, जबकि मांग अधिक है।

- इसके चलते शिपिंग एजेंसियों ने तीन गुना तक चार्ज बढ़ा दिए हैं।

- विदेशों से खाली कंटेनर मंगाने पर शिपिंग कंपनियों का खर्च बढ़ता है।

शिपिंग चार्ज पर एक नजर

निर्यातक सुभाष गोयल ने बताया कि अमेरिका को माल भेजने के लिए पहले शिपिंग चार्ज 1800 डालर था, अब 5700 डालर हो गया है। इग्लैंड का चार्ज 800 से बढ़कर 2800 डालर, दुबई का 500 से बढ़कर 700 डालर, सऊदी अरब का 400 से बढ़कर 1600 डालर हो गया है।

कंटेनर पर एक नजर

अलीगढ़ से होने वाले निर्यात के लिए 20 फीट लंबे कंटेनर का प्रयोग किया जाता है। इसमें 22 टन तक माल लोड हो जाता है। इसके लिए मर्चेंट नेवी निर्यातकों के लिए कंटेनर लाइसेंस भी जारी करती है। अलीगढ़ में निर्यातक राकेश अग्रवाल, राजकुमार अग्रवाल सहित पांच निर्यातकों पर कंटेनर लाइसेंस हैं।

पिछले साल कोरोना संकट से प्रभावित कारोबार को जैसे तैसे पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा था। अब शिपिंग चार्ज बढ़ गया है। कंटेनरों की भी कमी है। अमेरिका को माल भेजना है तो एक माह पहले बुकिंग करानी होगी। विदेशों से आर्डर भी कम मिल रहे हैं।

राकेश अग्रवाल, निर्यातक

केंद्र सरकार निर्यातकों को प्रोत्साहन नहीं दे रही है। आयात पर लगी सख्त पाबंदियों के चलते बंदरगाहों पर कंटेनरों की कमी है। शिपिंग एजेंट सऊदी अरब, दुबई व अन्य खाड़ी देशों से खाली कंटेनर मंगा रहे हैं, इसलिए चार्ज बढ़ गया है। शिपिंग कंटेनर से माल भेजना महंगा साबित हो रहा है।

उपेंद्र वाष्र्णेय, निर्यातक

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