हाथरस पहुंचकर पीयूष ने कहा - मेरा टारगेट, अगले ओलिंपिक में बदले मेडल का रंग
हाथरस जागरण संवाददाता। टोकियो ओलिंपिक में भारतीय हाकी टीम के सहायक कोच पीयूष दुबे ने सादाबाद पहुंचकर कहा कि बदली मानसकिता के साथ मेडल वाली हाकी खेली थी। अब मेरा टारगेट है कि अगले ओलंपिक में मेडल का रंग बदले।
हाथरस, जागरण संवाददाता। टोकियो ओलिंपिक में भारतीय हाकी टीम के सहायक कोच पीयूष दुबे ने सादाबाद पहुंचकर कहा कि बदली मानसकिता के साथ मेडल वाली हाकी खेली थी। अब मेरा टारगेट है कि अगले ओलंपिक में मेडल का रंग बदले। गांव, ब्लाक व जनपद में अच्छा स्टेडियम न होने पर वह मुख्यमंत्री से मिलकर बातचीत करेंगे और कोशिश करेंगे ताकि बच्चे गांव से मेहनत करके राष्ट्रीय स्तर पर अपने नाम के साथ अपने गृह जनपद का नाम चमकाने का काम कर सकें। रविवार को वह व्यस्त कार्यक्रम के साथ गांव पहुंचे थे।
हमारी टीम ने बदली मानसिकता के साथ हाकी खेला
सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरान ओलिंपिक में चालीस साल पदक के इंतजार पर कहा कि हर खिलाड़ी मैदान पर मेहनत करता है लेकिन एक टीम ऐसी होती है जो पर्दे के पीछे रहकर उन्हें और ज्यादा बेहतर बनाने के लिए काम करती है। खिलाड़ियों को टोकियो रवाना होने से पहले ये बताया गया था कि इस बाद हम सिर्फ ओलिंपिक में भाग नहीं ले रहे हैं बल्कि मेडल जीतने जा रहे हैं। टीम ने बदली मानसिक के साथ हाकी खेली और परिणाम दुनिया के सामने है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले प्रोत्साहन को लेकर उन्होंने बताया कि जापान रवानगी से पहले देश के यशस्वी प्रधानमंत्री ने कोच, खिलाड़ियों से बातचीत कर उनका मनोबल बढ़ाया था। वह लगातार टीम के संपर्क में थे। पदक जीतने के बाद भोज के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा था कि जब तक हाकी में मेडल नहीं आता तब तक लगता ही नहीं कि देश ने मेडल जीता है।
टीम के प्रदर्शन ने दी युवाओं को प्रेरणा
हाकी और क्रिकेट को लेकर क्रेज के बारे में सहायक कोच ने बताया कि अब युवाओं की सोच बदलेगी। हाकी टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन कर युवाओं को नई प्रेरणा दी है। क्षेत्र में खेल प्रतिभाओं को अवसर देने और तैयार करने को लेकर उन्होंने कहा कि वह इसके लिए प्रयासरत हैं। केन्द्र और प्रदेश की सरकारें इसकी लिए पुख्ता योजना पर काम कर रहीं हैं।