यूपी बोर्ड ने अभी से बाहरी छात्रों पर निगाह कर दी टेढ़ी, जानिए क्यों? Aligarh news
माध्यमिक विद्यालयों में 10वीं व 12वीं में प्रवेश पाने वाले जनपद से बाहर के विद्यार्थियों का ब्योरा अफसरों के पास भेजना है। इसके लिए अभी से यूपी बोर्ड ने बाहरी जिलों से प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों के ऊपर अपनी निगाह टेढ़ी कर दी है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता । माध्यमिक विद्यालयों में 10वीं व 12वीं में प्रवेश पाने वाले जनपद से बाहर के विद्यार्थियों का ब्योरा अफसरों के पास भेजना है। इसके लिए अभी से यूपी बोर्ड ने बाहरी जिलों से प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों के ऊपर अपनी निगाह टेढ़ी कर दी है। कक्षा नौवीं व 11वीं के प्रवेश के संबंध में बोर्ड की ओर से तिथि भी बढ़ाई गई है। मगर 10वीं व 12वीं की प्रवेश प्रक्रिया लगभग पूरी की जा चुकी है। अब प्रधानाचार्यों को बाहरी छात्रों के दस्तावेज अधिकारियों के पास भेजने हैं। बोर्ड ने सख्ती बरतते हुए कहा है कि हर बाहरी छात्र के प्रवेश से पहले अफसर से अनुमति ली जाए तब उनको प्रवेश दिया जाए।
पिछले साल कई प्रधानाचार्यों ने नहीं दिया था ब्योरा
दरअसल, ये ब्योरा यूपी बोर्ड के पास भेजा जाना है। मगर पिछले साल भी जिले के तमाम प्रधानाचार्यों ने अपने यहां प्रवेश लेने वाले बाहरी छात्रों का ब्याेरा उपलब्ध नहीं कराया था। विभागीय सूत्रों की मानें तो जिले के करीब 10 हजार छात्र-छात्राएं ऐसे हैं जिनका ब्योरा बोर्ड के पास नहीं दिया गया था। इनके परीक्षा देने पर खतरा भी मंडरा रहा था। क्योंकि ऐसे बाहरी विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित करने के आदेश बोर्ड ने दिए थे। जिनका ब्योरा अफसरों व बोर्ड के पास नहीं पहुंचा था। पूर्व में भी बाेर्ड के पास ऐसे विद्यार्थियों की सूचना न पहुंचने से करीब 15 हजार परीक्षार्थियों का परिणाम बोर्ड ने रोक दिया था। मगर इस बार ऐसे छात्रों को परीक्षा में शामिल ही नहीं किया जाएगा। सूचना न देने वाले कालेजों पर मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई भी की जाएगी। जिले से बाहर के छात्रों को प्रवेश देने से पहले उनके शैक्षिक दस्तावेज, प्रमाणपत्र, आधार कार्ड आदि कागजात अफसरों के पास जमा कराए जाएंगे। साथ ही इस बार हर बाहरी छात्र को प्रवेश देने से पहले डीआइओएस से अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है।
नकल पर नकेल को बनी व्यवस्था
पहले हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में 10-10 छात्रों के बाद 11वें को प्रवेश देने पर अफसरों से अनुमति लेने की अनिवार्यता की गई थी। ये सख्ती बोर्ड की ओर से इसलिए की गई है जिससे विद्यालय संचालक केवल नकल कराने के उद्देश्य से किसी बाहरी छात्र को प्रवेश नहीं दे सकें। डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि विद्यालयों से बाहरी छात्रों के संबंध में पूरी जानकारी दस्तावेजों समेत मांगी जाएगी। जहां से सूचना व दस्तावेज नहीं आएंगे उन विद्यार्थियों के प्रवेशपत्र ही जारी नहीं किए जाएंगे।