COVID-19 : यूपी बोर्ड की बदल गयी प्रक्रिया, दो की जगह रहेंगे एक निरीक्षक Aligarh news

कोरोना काल ने लोगों की जीवनशैली व दिनचर्या ही नहीं बदली है बल्कि यूपी बोर्ड की वार्षिक की तैयारी में भी बदलाव करा दिया है। 2021 की परीक्षा के लिए बोर्ड ने केंद्र निर्धारण नियमावली जारी कर दी है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 10:43 AM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 02:16 PM (IST)
COVID-19 : यूपी बोर्ड की बदल गयी प्रक्रिया, दो की जगह रहेंगे एक निरीक्षक Aligarh news
कोरोना के चलते यूपी बोर्ड की वार्षिक की तैयारी में भी बदलाव करा दिया है।

गौरव दुबे, अलीगढ़: कोरोना काल ने लोगों की जीवनशैली व दिनचर्या ही नहीं बदली है, बल्कि यूपी बोर्ड की वार्षिक परीक्षा की तैयारी में भी बदलाव करा दिया है। 2021 की परीक्षा के लिए बोर्ड ने केंद्र निर्धारण नियमावली जारी कर दी है। इसके तहत अब किसी केंद्र के एक परीक्षा कक्ष में एक कक्ष निरीक्षक की ही ड्यूटी लगाई जाएगी। पहले एक कक्ष में दो कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी लगाई जाएगी। इतना ही नहीं एक कमरेे में विद्यार्थियों के बैठने के नियम में भी परिवर्तन किया गया है। कोविड-19 दौर के चलते इस साल विद्यार्थियों को दूर-दूर बैठाने के चलते परीक्षा केंद्रों की संख्या भी बढ़ सकती है और ड्यूटी में लगने वाले शिक्षकों की संख्या घट सकती है, इसलिए एक कमरे में एक कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं।

संक्रमण से बचाव के लिए उठाये गए कदम

अफसरों का कहना है कि अभी कोविड-19 वायरस के इलाज के लिए कोई वैक्सीन तैयार नहीं हुई है। इसलिए तैयारियां भी संक्रमण से बचाव के मद्देनजर ही की जाएंगी। यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में एक कक्ष में कम से कम 20 परीक्षार्थियों को दूर-दूर बैठाने की योजना बनाई गई है। ऐसे में कॉलेज मेें उपलब्ध ज्यादा कमरों को उपयोग में लिया जाएगा। ऐसे मेें एक कक्ष मेें पुरानी व्यवस्था के तहत लगाए जाने वाले दो कक्ष निरीक्षकों की जगह एक-एक कक्ष निरीक्षक को रखने की व्यवस्था होगी।

केंद्र के वरिष्ठ अध्यापक ही होंगे सह केंद्र व्यवस्थापक

कक्ष निरीक्षक की संख्या में कमी के साथ ही सह केंद्र व्यवस्थापक की व्यवस्था में भी बदलाव किया जाएगा। पहले केंद्र व्यवस्थापक के अलावा परीक्षा केंद्र पर बाहर से सह केंद्र व्यवस्थापक की व्यवस्था की जाती थी। मगर कोविड-19 दौर में बाहर से सह केंद्र व्यवस्थापक की व्यवस्था नहीं होगी। परीक्षा केंद्र के ही वरिष्ठतम अध्यापक को सह केंद्र व्यवस्थापक की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। अगर परीक्षा केंद्र पर कोई गड़बड़ी या नकल की गतिविधि अफसरों को मिलती है तो वो केंद्र व्यवस्थापक को हटाकर सह केंद्र व्यवस्थापक को ही केंद्र व्यवस्थापक की जिम्मेदारी सौंप देंगे।

कोरोना के चलते बढ़ेगी केंद्रों की संख्या 

जिले में पिछले सालों तक जहां परीक्षा केंद्रों की संख्या 110 तक रहती थी वो संख्या कोरोना काल के चलते बढ़ने के भी आसार हैं। बोर्ड की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं कि पहले राजकीय कॉलेज, फिर एडेड कॉलेज और उसके बाद जरूरत पड़ने पर वित्तविहीन कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाया जाए। जिले में 94 एडेड, 35 राजकीय कॉलेज हैं। इनके अलावा करीब 625 वित्तविहीन कॉलेज हैं। जिनको अच्छी संख्या में परीक्षा केंद्र बनाया जा सकता है।

इनका कहना है

डीआइओएस डाॅ. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि, कोविड-19 दौर के चलते कक्ष निरीक्षकों की संख्या सीमित करने की व्यवस्था की गई है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकाेप के चलते उम्मीद है कि ज्यादा शिक्षक कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी के लिए न मिलें। इसलिए पहले से ही व्यवस्था की जा रही है। कोविड-19 के चलते परीक्षा केंद्रों की संख्या में भी बढ़ोतरी भी हो सकती है।

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