UP Assembly Elections 2022: चार साल बाहर, चुनाव नजदीक तो आ गए मैदान में
विधानसभा चुनाव को देखते हुए टिकट के तमाम दावेदार मैदान में कूद पड़े हैं। इनमें से कई ऐसे दावेदार हैं जो चार साल तक जिले से बाहर रहे। वो अपना कारोबार आदि करते रहें चुनाव निकट आते ही वह प्रचार में जुट गए।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। विधानसभा चुनाव को देखते हुए टिकट के तमाम दावेदार मैदान में कूद पड़े हैं। इनमें से कई ऐसे दावेदार हैं, जो चार साल तक जिले से बाहर रहे। वो अपना कारोबार आदि करते रहें, चुनाव निकट आते ही वह प्रचार में जुट गए। वह जनता को अपना सबसे हितैषी बता रहे हैं। ऐसे दावेदार भाजपा, बसपा, सपा सभी दलों में हैं।
चुनावी सरर्गर्मियां
गुलाबी ठंड के साथ चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। चुनाव के निकट होने के चलते टिकट के दावेदार धुआंधार संपर्क अभियान में जुटे हुए हैं। मगर, कुछ ऐसे दावेदार हैं, जो वर्षों बाहर रहे, चुनाव निकट आते ही मैदान में उतर आए हैं, वह संपर्क कर रहे हैं। जनता से मुलाकात कर रहे हैं और जनता के सबसे बड़े हितैषी बनने का दावा कर रहे हैं। जनता को भरोसा दिला रहे हैं कि वो यदि चुनाव जीत जाएंगे तो उनके बीच में रहेंगे। जनता के सुख-दुख में सदैव शामिल होंगे। क्षेत्र में विकास कराएंगे। मगर, अब सवाल उठता है कि जब चार वर्ष तक नेताजी क्षेत्र से बाहर थे तो अब चुनाव जीतने के बाद कैसे क्षेत्र में रहेंगे? हालांकि, ऐसे नेताजी सभी दलों में हैं। काेल विधानसभा क्षेत्र में दावेदारों की सबसे अधिक संख्या है। इसमें भाजपा नंबर एक पर है, दूसरे नंबर पर सपा और फिर बसपा और कांग्रेस है। इन दलों के दावेदार टिकट के लिए लाइन में लगे हुए हैं। वहीं, संगठन में काम कर रहे दावेदार विगत पांच से दस वर्ष से काम कर रहे हैं। जनता की सेवा कर रहे हैं। तमाम समस्याओं पर वह मदद के लिए उपस्थित रहते हैं। हर तरह का सहयोग भी कर रहे हैं। ऐसे में जनता का भरोसा वर्षों से क्षेत्र में काम कर रहे लोगों पर रहेगा। भाजपा के इस सीट पर 50 से अधिक दावेदार हैं। इसमें से 30 के करीब ऐसे दावेदार हैं, जो चुनावी माहौल को देखते हुए मैदान में कूद पड़े हैं।
दस दावेदार सामने आए
भाजपा जिलाध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल सिंह का कहना है कि पार्टी की संरचना मजबूत है। इसलिए यहां टिकट में पहचान करने में कोई दिक्कत नहीं है। प्रत्येक दावेदार पर नजर है। निष्ठावान कार्यकर्ता को पार्टी मौका देगी। समाजवादी पार्टी में भी यही स्थिति है। चुनावी मौसम को देखते हुए 10 के करीब ऐसे दावेदार हैं, जो मैदान में उतर आए हैं। वह गांव-गांव जाकर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। सपा जिलाध्यक्ष गिरीश यादव का कहना है कि संगठन में जो ईमानदारी से कार्य करेगा, निष्ठा के साथ लगा हुआ है, पार्टी पहली प्राथमिकता उसे ही देगी।