बेवजह खपा दिया करोड़ाें का बजट, जंग खा रहे उपकरण, जानिए मामला Aligarh news
शहर काे स्मार्ट बनाने के नाम पर नगर निगम ने करोड़ाें रुपये की मशीनें व अन्य संसाधन तो खरीद लिए लेकिन इनका उपयोग अब तक न हो सका। फिर इन्हें खरीदा ही क्यों गया इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। शहर काे स्मार्ट बनाने के नाम पर नगर निगम ने करोड़ाें रुपये की मशीनें व अन्य संसाधन तो खरीद लिए, लेकिन इनका उपयोग अब तक न हो सका। फिर इन्हें खरीदा ही क्यों गया, इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं। कूड़ा उठाने के वाहनों की खरीद भी खूब हुई, इनमें से आधे ही संचालित हैं। बाकी वर्कशाप, या फिर सेवा भवन में खड़े रहते हैं। वहीं, जिन संसाधनाें की अधिक आवश्यकता थी, उनका इंतजाम नहीं कराया गया। नवागत नगर आयुक्त गौरांग राठी के सामने ये मुद्दा उठाया गया तो उन्होंने कहा कि संसाधनों का इंस्तेमाल किया जाएगा।
तीन साल में पांच करोड़ से अधिक की खरीदारी
नगर निगम में जैम पोर्टल से पिछले तीन साल में पांच करोड़ रुपये से अधिक की खरीद हो चुकी है। सारसौल स्थित वेस्ट सब स्टेशन पर सवा दो करोड़ रुपये की फिक्सड कांपैक्टर मशीन शोपीस बनी खड़ी है। जबसे से खरीदी गई है, इसका उपयोग नहीं हुआ। इस मशीन के जरिए बेहिसाब कूड़े को कांपैक्ट करके निस्तारण के लिए कंटेनर से मथुरा रोड स्थित एटूजेड प्लांट ले जाने योजना थी। ऐसी तीन मशीनें और लगनी थीं। लेकिन एक ही मशीन का उपयोग नहीं हो पा रहा। इसी तरह सवा करोड़ रुपये के स्टील के कूड़ेदान खरीद लिए गए। डेढ़ साल ये कूड़ेदान यूहीं पड़े हैं। कुछ कूड़ेदान सड़कों पर लगा दिए गए। इनमें से कई चोरी हो गए, या फिर क्षतिग्रस्त हो गए। करीब चार करोड़ रुपये के 107 आटो टिपर खरीदे गए। इनमें से आधे से घर-घर से कूड़ा उठाने को निकलते हैं। बाकी खड़े हैं। डेढ़ करोड़ रुपये में हथगाड़ी, रिक्शे आदि खरीद गए। स्टील के बताए जा रहे रिक्शे का उपरी हिस्सा कर्मचारियों ने ही कटवा दिए। बताया गया कि रिक्शे लोहे के हैं। चर्चा है कि कमीशन के चक्कर में उन संसाधनों की खरीद की गई, जिनकी फिलहाल कोई जरूरत नहीं थी। खरीदे गए सामान की गुणवक्ता भी सवाल उठाए जा रहे हैं। निगम अधिकारियों ने इसे नजरअंदाज कर दिया।