Mangalayatan University: मंविवि के कुलपति केबीएसएम कृष्णा ने कहा, खुद को जानना है तो बोलें सत्य Aligarh News
क्रोध से खुद की हानि होती है। कुलसचिव ब्रिगेडियर समर वीर सिंह ने क्षमा के अवसर पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपनी जिंदगी का भारतीय सेना का एक किस्सा भी साझा किया। जिसमें क्षमा की महानता को दर्शाया गया।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। इगलास मंगलायतन विश्वविद्यालय में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत क्षमा दिवस पर नैतिक मूल्य को बढ़ावा विषय पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। आयोजन एनएसएस व सीपीएस के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुति दी गईं। इसमें कुलपति प्रो. केवीएसएम कृष्णा ने कहा कि क्षमा दिवस सदियों से मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी सत्य बोलने की आदत डालें। हर वक्त सत्य बोले तभी आप खुद को जान पाएंगे। सच्ची आजादी तब होगी जब हम उत्तम क्षमा का गुण सभी में पैदा करें।
क्रोध से खुद को हानि
उन्होंने कहा कि क्रोध से खुद की हानि होती है। कुलसचिव ब्रिगेडियर समर वीर सिंह ने क्षमा के अवसर पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपनी जिंदगी का भारतीय सेना का एक किस्सा भी साझा किया। जिसमें क्षमा की महानता को दर्शाया गया। जिसे सभी ने खूब सराहा। नैतिक मूल्यों की भूमिका पर डायरेक्टर सीपीएस प्रो. जयंतीलाल जैन ने कहा कि स्वयं को जाने। डॉ. दीपशिखा सक्सेना, अभिषेक गुप्ता और छात्र ऋषभ ने प्रकाश डाला। एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सिद्धार्थ जैन ने संचालन किया। अंशिका, तारिक, विभव, ऋतिक, नैंसी, कुणाल, नमन, आकांक्षा, भव्या आरती और संगीत मय प्रस्तुति के लिए दृश्य एवं कला विभाग को पुरस्कृत किया गया। आयोजन में कार्यक्रम अधिकारी डॉ. पूनम रानी, डॉ. सोनी सिंह, लव मित्तल, अनुराधा यादव के साथ बिलास फाल्के, आशीष, रूचि, श्रष्टि, जितेंद्र शर्मा का सहयोग रहा। इस दौरान प्रो. गुरूदास उल्लास, डॉ. पीसी शुक्ला, डॉ. वाई पी गौड़, डॉ. संजय पाल, डॉ. कविता शर्मा, डॉ. आरके घोष, डॉ. विकास शर्मा, डॉ. संतोष गौतम, पूनम गुप्ता आदि मौजूद थे।
वृक्ष ही हमारी धरा का श्रृंगार
अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस के अवसर पर पींजरी पैंठ पर अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति व जाट सेवा संघ के जिला अध्यक्ष चौधरी सत्यवीर सिंह सत्तो ने पौधारोपण किया। उन्होंने कहाकि वृक्ष ही हमारी धरा का श्रृंगार हैं। हम को सबसे ज्यादा आक्सीजन वृक्षों से मिलती है हर व्यक्ति को वृक्षारोपण करना चाहिए | गुलबीर सिंह पहलवान, योगेश कुमार, रूपेंद्र जैन साथ थे।