अलीगढ़ में झोलाछापों के इलाज से बढ़ रहा कोरोना का खतरा, जानिए कैसे
इन दिनों कोरोना संक्रमण के साथ ही सर्दी-खांसी जुकाम बुखार उल्टी-दस्त डायरिया पीलिया मलेरिया आदि के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। चिंता की बात ये है कि सभी बीमारियों के लक्षण एक जैसे हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। इन दिनों कोरोना संक्रमण के साथ ही सर्दी-खांसी, जुकाम, बुखार, उल्टी-दस्त, डायरिया, पीलिया, मलेरिया आदि के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। चिंता की बात ये है कि सभी बीमारियों के लक्षण एक जैसे हैं। ऐसे तमाम मरीज सबसे पहले गांव व बस्ती में मेडिकल स्टोर या झोलाछाप के पास पहुंच रहे हैं। जो उन्हें अंदाजे से ही दवा खिला रहे हैं। इससे कई बार संक्रमित मरीज की पहचान नहीं हो पाती। वह दूसरा को संक्रमित तो करता ही है, अपनी सेहत भी बिगाड़ लेता है। ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण के फैलने की एक वजह ये भी है।
संक्रमण पर नजर
कोरोना की दूसरी लहर काफी तेजी से आगे बढ़ रही है। आंकड़ों पर गौर करें तो अप्रैल में चार हजार से अधिक नए संक्रमित मरीज मिले। यानी हर रोज 130 से अधिक मरीज मिलने का औसत रहा, जो अपने आप में रिकार्ड है। पूर्व में 30 से 40 मरीज प्रतिदिन का औसत रहा है। विगत एक सप्ताह में तो संक्रमण बेहद तेजी से मिला। एक दिन में रिकार्ड 353 मरीज सामने आए। अगले कुछ दिनों में संक्रमण दर में और इजाफा होने की आशंका जताई जा रही है।
संक्रमण बढ़ने का कारण
विशेषज्ञों की मानें तो संक्रमण बढ़ने की एक वजह समय से लक्षणों की पहचान व उपचार न होना भी है। तमाम लोग लक्षण दिखने के बाद भी लोग लापरवाही बरतते हैं। घरेलू नुस्खों, केमिस्ट की दुकान या झोलाछापों के जरिए अपना इलाज करते रहते हैं। यदि कोरोना नहीं हुआ तो दवा कुछ फायदा कर भी दे, लेकिन यदि कोरोना होता है तो तबीयत निरंतर बिगड़ती चली जाती है। झोलाछाप अपनी कमाई के चक्कर में उन्हें चार-छह दिन अपने पास उलझाए रखते हैं। इस बीच संक्रमित मरीज अपने परिवार के साथ न जाने कितने लोगों को संक्रमित कर चुका होता है। बाद में तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में जांच कराने पहुंचता है। कई बार उसकी तबीयत इतनी खराब हो जाती है कि कोरोना के सामान्य उपचार से भी उसे लाभ नहीं मिलता।
इलाज में देरी ही मृत्यु का कारण
सीएमओ डा. बीपीएस कल्याणी का कहना है कि ज्यादातर मरीज उस समय अस्पताल में भर्ती होने पहुंचते हैं, जब उन्हें आक्सीजन या आइसीयू की जरूरत होती है। ऐसे हालात में हम कितने लोगों को ऐसी सेवा दे सकते हैं। इलाज में देरी से संक्रमण तो बढ़ता ही है, मृत्यु का भी एक कारण यही है। इसलिए इधर-उधर से इलाज कराने की बजाय बीमार होने पर विशेषज्ञ के पास जाएं। यदि वह कोविड-19 जांच की सलाह दे तो उसकी अनदेखी न करें। समय से जांच और उपचार बहुत जरूरी है।