ट्रांसजेंडर मीरा परीदा की संघर्ष की दास्तान 'मेरी कहानी मेरी जुबानी' Aligarh news

अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग किन्नरों का कार्य होता है। सामाजिक कार्यकर्ता मीरा परीदा ने फेसबुक लाइक लाइव शो पर अपनी बात रखीं।

By Parul RawatEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 06:39 PM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 06:39 PM (IST)
ट्रांसजेंडर मीरा परीदा की संघर्ष की दास्तान 'मेरी कहानी मेरी जुबानी' Aligarh news
ट्रांसजेंडर मीरा परीदा की संघर्ष की दास्तान 'मेरी कहानी मेरी जुबानी' Aligarh news

अलीगढ़ [जेएनएन] : 'मैंने शुरू में एक लड़के की तरह जन्म लिया लेकिन दस-बारह साल की उम्र में मुझे लड़की की तरह रहना, पहनना, चलना अच्छा लगने लगा। इसके कारण मुझे घर छोड़कर जाना पड़ा। अपनी माॢमक स्थिति को बताते हुए कहा कि मेरा दो बार रेप हुआ है और दो बार मैं आत्महत्या के लिए जहर खायी, लेकिन बच गयी। इस समय मेरे परिवार में 40 सदस्य हैं, मैं अपने पति के साथ बहुत खुश हूं। मैं जर्नलिज्म से मास्टर कर रही हूं। आगे पीएचडी करने का विचार है। उड़ीसा किन्नर अखाड़ा के महामंडलेश्वर ट्रांसजेंडर समुदाय की अध्यक्ष व सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता मीरा परीदा ने फेसबुक लाइक लाइव शो पर 'मेरी कहानी मेरी जुबानी' शीर्षक से अपनी बात रखीं।

लोगों को कर चुकी हैं जागरूक

किन्नर समुदाय के लोग आज बड़े-बड़े पद को सुशोभित कर रहे हैं। समाज से अलग माने जाने वाले किन्नरों के बारे में आम लागों के बीच आज भी कई धारणाएं और भ्रम हैं। अमेरिका सहित विश्व के लगभग दर्जनों देशों में किन्नर समुदाय के उद्धार के लिए अपने विचार रख चुकी मीरा पारीदा का मानना है कि हैं आत्मविश्वास, सपना, कुछ करने का जुनून हो तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है। खुद शुरू में फल, पानी-पूरी आदि बेचकर पेट पाला लेकिन कुछ करने के जुनून ने इन्हेंं लोगों के बीच लाकर खड़ा कर दिया। वह विश्वव्यापी स्तर पर एड्स, ब्लड डोनेशन जैसे विषयों पर लोगों को जागरूक कर चुकी हैं।

चार जून से फेसबुक पर सुनें लाइव

वाङ्मय पत्रिका एवं विकास प्रकाशन के संयुक्त तत्वाधान में थर्ड-जेंडर विचार-विमर्श के उपलक्ष्य में 'समीक्षा एवं परिचय' नाम का फेसबुक लाइव शो आयोजित किया। इसमें तीन उपन्यासों की समीक्षा व उसके लेखकों से संवाद स्थापित किया गया। इसे लेखक, प्रोफेसर व शोधाॢथयों ने खूब सराहा। इसकी सफलता के बाद वाङ्मय पत्रिका एवं विकास प्रकाशन ने 4 से 10 जून तक फेसबुक लाइव शो आयोजित करने का विचार किया। इसमें देश के जाने माने किन्नर हिस्सा लेंगे और अपना विचार एवं संघर्ष गाथा सामने रखेंगे।

भ्रांतियों को करना होगा खत्म

हमारे यहां किन्नर लड़कों को छीन कर नहीं लाते, ना ही हम परिवार से उन्हेंं अलग करने के लिए दबाव बनाते हैं। कुछ लोगों में भ्रम है कि किन्नर के मरने पर उन्हेंं चप्पल जूते से पीटा जाता है लेकिन मेरे यहां कभी भी ऐसा नहीं हुआ है, ना ही मेरे जानने में ऐसा है। ट्रांसजेंडर किन्नरों में व्याप्त भ्रांतियों पर मीरा परीदा ने कहा कि  अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग किन्नरों का कार्य होता है, सब जगह एक जैसा नहीं है। हम सबको मिलकर भ्रांतियों को समाप्त करना होगा। सरकार को भी साथ आना होगा, किन्नरों पर आम नागरिक की तरह ध्यान देना होगा। इस व्याख्यान में सुप्रसिद्ध कहानीकार तेजेंद्र शर्मा, उपन्यासकार महेंद्र भीष्म, अरुणा सभरवाल, डॉ. शमीम, डॉ. मुश्ताकीम, डॉ. शगुफ्ता, डॉ. विमलेश, डॉ. भारती, डॉ. लता, डॉ. सविता, डॉ. आसिफ, अनवर खान, डॉ. गौरव, डॉ. रमाकांत, अकरम, मनीष, सहित सैकड़ों लेखक, और शोद्धार्थी शो से जुड़े और कमेंट के माध्यम से विचार रखते रहें और प्रश्न पूछते रहे।

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