ट्रैफिक नियमों की किताब तैयार, कमिश्नर की हरी झंडी का इंतजार Aligarh News
शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के क्रम में ट्रैफिक पुलिस लोगों को जागरूक करने पर जोर दे रही है। इसी क्रम में े38 पेजों की एक किताब बनाई है जिसे बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। किताब तैयार हो चुकी है।
अलीगढ़, जेएनएन। शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के क्रम में ट्रैफिक पुलिस लोगों को जागरूक करने पर जोर दे रही है। इसी क्रम में े38 पेजों की एक किताब बनाई है, जिसे बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। किताब तैयार हो चुकी है। सोमवार को कमिश्नर के समक्ष इसे रखा जाएगा। उनकी हरी झंडी मिलते ही डीआइओएस के माध्यम को किताब को स्कूल-कालेजों में लागू कर दिया जाएगा।
10 बिंदुओं पर कार्य योजना
दरअसल, शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए पुलिस ने 10 बिंदुअों पर कार्ययोजना तैयार की है। इनमें ई-रिक्शों के रूट निर्धारित करने से लेकर स्कूल-कॉलेजों में अभियान चलाकर बच्चों को जागरूक करना तक शामिल है। इसी क्रम में एसपी ट्रैफिक सतीश चंद्र ने नई पहल की है। इसके तहत नौवीं से 12वीं के बच्चों को स्कूल व कॉलेजों में यातायात के नियम समझाए जाएंगे। यह योजना सिर्फ अभियान तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसके लिए बाकायता 38 पन्नों की एक किताब तैयार की गई है। किताब में ट्रैफिक नियम के महत्व, हादसे के कारण, हादसे से बचाव, चालान आदि की बारीकियों के बारे में बताया गया है। एसपी ट्रैफिक ने खुद इसमें कई बार संशोधन करके फाइनल कर दिया है। एसपी ट्रैफिक ने बताया कि किताब बच्चों को पढ़ाई जाएगी। इसमें हर वो जानकारी शामिल है, जिसकी सीख लेकर बच्चे यातायात व्यवस्था को सुधारने में सहयोगी बन सकते हैं। इसमें एक स्वयंसेवी संस्था का भी सहयोग लिया जा रहा है। सोमवार को किताब को कमिश्नर के समक्ष रखा जाएगा। उनकी अनुमति मिलते ही किताब को स्कूलों में लागू कर दिया जाएगा।
यूपी में बन सकती है माडल
एसपी ट्रैफिक ने बताया कि पहले इस किताब को जिले में लागू करवाया जाएगा। अगर इसके सकारात्मक परिणाम सामने आते हैं तो इसे शासन को भी भेजा जाएगा। प्रस्ताव रखा जाएगा कि प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसे लागू करवाया जाए। ऐसे में अलीगढ़ की किताब यूपी के लिए माडल बन सकती है।