Vaccination In Aligarh : कोरोना से जंग जीतने के लिए आज भी लगवा सकते हैं टीके, इन 30 स्थानों पर लगेंगे टीके
कोरोना से जंग जारी है। इस जंग में सबसे बड़ा हथियार टीका साबित हो रहा है। संक्रमित मरीजों की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि जिन लोगों को टीका लग चुका है उनपर वायरस का कम असर हुआ है। हालांकि टीका लगने वाले कई लोग संक्रमित हुए हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना से जंग जारी है। इस जंग में सबसे बड़ा हथियार टीका साबित हो रहा है। संक्रमित मरीजों की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि जिन लोगों को टीका लग चुका है, उनपर वायरस का कम असर हुआ है। हालांकि, टीका लगने वाले कई लोग संक्रमित हुए हैं, लेकिन जल्दी ठीक भी हो गए हैं। टीका लगवाने के बाद संक्रमित हुए एक भी व्यक्ति की जिले में मौत नहीं हुई है। डाक्टर टीका को सुरक्षा कवच बता रहे हैं और सभी को टीका लगवाने की सलाह भी दे रहे हैं। शनिवार को जिले में 30 स्थानों पर टीकाकरण होना है। इनमें 13 सीएचसी के अलावा दीनदयाल अस्पताल, जेएन मेडिकल कालेज, महिला अस्पताल और पीएचसी भी शामिल हैं।
सैनिटाइजेशन में जुटा निगम
संक्रमण रोकने के लिए नगर निगम सैनिटाइजेशन में जुटा है। शनिवार को भी सफाई व सैनिटाइजेशन का काम किया जाएगा। शुक्रवार को नगर निगम की टीमों ने मस्जिदों के अलावा हास्पिटल और सरकारी कार्यालय भी सैनिटाइज किए। स्वच्छता निरीक्षकों की अगुवाई में दोपहर तक 223 स्थानों पर सैनिटाइजेशन हुआ। 28 अंत्येष्टि स्थल भी सैनिटाइज किए गए। नगर आयुक्त प्रेम रंजन सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए नगर निगम की टीमें पूरी मुस्तैदी से जुटी हुई हैं। साफ-सफाई व सैनिटाइजेशन का कार्य प्रतिदिन चल रहा है। नाले-नालियों की सफाई के लिए नाला गैंग लगाया गया है। सभी की जिम्मेदारियां तय कर दी गई हैं।
कोरोना खत्म करने की दुआ के साथ रखा रोजा
तकिया मुलायम शाह तुर्कमान गेट के मोहम्मद हमजा अंसारी ने बताया कि सात मई जुमा अलविदा को मैंने पहला रोजा रखा। यह रमजान का आखिरी जुमा है। रोजा रखने से अम्मी-अब्बू, भाई-बहन सभी खुश हुए। रोजा रखने से बहुत सी बीमारियां दूर भागती हैं। कोरोना जैसी महामारी से देश व दुनिया को बचाने की दुआ अल्लाह से की। सुना है कि रोजेदारों की दुआ अल्लाह जल्दी कुबूल कर लेते हैं। रोजा रखने से दिल को सुकून मिला, भूख व प्यास की अहमियत व जीवन में संयम का महत्व सिखाता है रमजान का महीना। देश व दुनिया को कोरोना संक्रमण से मुक्ति मिल जाए तो लगेगा कि मेरा रोजा रखना मुकम्मल हो गया। रोजा रखने पर अम्मी व अब्बू ने मुझे कपड़े और रुपये भी दिए। रिश्तेदारों ने भी खुशी का इजहार किया।