खैर के परिवार के पांच सदस्यों की हत्या में तीन को उम्र कैद

खैर के एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या के मामले में 10 साल बाद सोमवार को तीन को उम्र कैद की सजा मिली।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Nov 2021 11:01 PM (IST) Updated:Mon, 22 Nov 2021 11:01 PM (IST)
खैर के परिवार के पांच सदस्यों  
की हत्या में तीन को उम्र कैद
खैर के परिवार के पांच सदस्यों की हत्या में तीन को उम्र कैद

जासं, अलीगढ़ : खैर के एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या के मामले में 10 साल बाद सोमवार को फैसला आया। एडीजे प्रथम शाहिद रजा की अदालत ने तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। तीनों पर अलग-अलग एक लाख 20 हजार का जुर्माना लगाया गया है। इस घटना के दौरान परिवार के चार सदस्यों की सामूहिक हत्या की गई थी, जबकि मुखिया की हत्या करके शव आगरा में फेंक दिया था।

एडीजीसी अमर सिंह तोमर ने बताया कि मथुरा के किशन सिंह थाना मांट के अस्तल निवासी किशन सिंह ने 22 अगस्त 2011 को थाना खैर में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें कहा था कि किशन ने 18 साल पहले बेटी हेमलता की शादी गांव घूमरा के केदार सिंह से की थी। इसके करीब आठ साल बाद दामाद केदार अपनी खेती व मकान बेचकर खैर की ब्लाक कालोनी में मकान बनाकर रहने लगे। 22 अगस्त 2011 को उन्हें टेलीफोन से सूचना मिली कि हेमलता का घर 18 अगस्त 2011 से बंद है। अंदर से तीव्र दुर्गध आ रही है। पुलिस ने रसोई का ताला तोड़ा तो चार लाशें सड़ी-गली अवस्था में मिली थीं। यह लाशें हेमलता व उसके दो बच्चे नवीन और स्वदेश के अलावा अतर सिंह की थीं। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू की तो पता चला कि चार दिन पहले गला दबाकर सभी की हत्या की गई है। वहीं केदार लापता है। बाद में केदार का शव आगरा में मिला था। केदार की भी हत्या की गई थी। पुलिस ने मामले का पर्दाफाश करते हुए केदार के रिश्ते के भाई चंद्रवीर, उसके आगरा निवासी साथी रोहित, सेवानिवृत्त एसडीओ टेलीफोन के इगलास निवासी पुत्र राजीव शर्मा व एक नाबालिग को गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला था कि चंद्रवीर 12 अगस्त को केदार को अपने साथ ले गया था और हत्या करके शव आगरा के बरहन क्षेत्र में फेंक दिया। चूंकि केदार के कोई भाई नहीं था तो उसके मकान व संपत्ति पर फर्जी वसीयत व बैनामे के आधार पर कब्जा करने के मकसद से परिवार के चार सदस्यों की हत्या की गई। एडीजीसी ने बताया कि सत्र परीक्षण के दौरान बाल अपचारी की पत्रावली अलग कर दी गई थी। इसके अलावा तीन लोगों के खिलाफ शनिवार को दोष सिद्ध हो गया था। चंद्रवीर व रोहित जेल से तलब किए गए थे, जबकि जमानत पर चल रहे राजीव को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया गया था। सोमवार को अदालत ने तीनों को सजा सुनाई है।

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