Aligarh Coronavirus Alert: संक्रमण कम होने के बाद भी रोजाना हो रहे हजारों टेस्ट, जानिए क्यों
जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है। नए मरीजों की संख्या काफी कम हो गई है। इससे जनपद में सक्रिय मरीज भी घट रहे हैं। वर्तमान में मात्र 42 ही सक्रिय मरीज हैं। केवल पांच मरीज ही कोविड अस्पतालों में भर्ती हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। जिले में दूसरी लहर का प्रकोप थम गया है। कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए सरकार ने यु्द्ध स्तर पर स्क्रीनिंग के साथ सैंपिलंग की। रोजाना चार से पांच हजार लोगों के सैंपल लिए गए। जनपद में अब तक 25 फीसद आबादी यानि 10 लाख से अधिक लोगों का कोविड टेस्ट हो चुका है। अब जबकि, जनपद में न तो ज्यादा सक्रिय मरीज बचे हैं और नए मरीज मरीज ही सामने आ रहे हैं, स्वास्थ्य विभाग ने सैंपलिंग कम नहीं की है। दरअसल, देश में तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है। ऐसे में विभाग टेस्टिंग की रफ्तार पहले की तरह ही बनाए रखना चाहता है, ताकि संक्रमण की चेन को बनने से रोका जा सके।
संक्रमण घटा, खतरा बरकरार
जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है। नए मरीजों की संख्या काफी कम हो गई है। इससे जनपद में सक्रिय मरीज भी घट रहे हैं। वर्तमान में मात्र 42 ही सक्रिय मरीज हैं। केवल पांच मरीज ही कोविड अस्पतालों में भर्ती हैं। चार मरीज दीनदयाल अस्पताल व एक जीवन ज्योति में भर्ती है। 23 मरीज होम आइसोलेशन में तथाी 11 जनपद से बाहर हैं। इस तरह संक्रमण दर व सक्रिय मरीजों की संख्या काफी कम हो गई है, लेकिन वायरस का खतरा टला नहीं है। यदि लापरवाही बरती गई तो तीसरी लहर कभी भी दस्कत दे सकती है, जिसमें बच्चों पर खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में सरकार ने पहले की तरह ही सैंपलिंग करते रहने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए हैं। शनिवार को भी 4299 लोगों के सैंपल लिए गए। इसमें 1605 आरटीपीसीआर, 2691 एंटीजन किट व तीन ट्रू-नाट जांच के लिए सैंपल शामिल हैं। अब तक 10 लाख 15 हजार 888 लोगों के सैंपल लिए जा चुके हैं। इसमें चार लाख 43 हजार 650 आरटीपीसीआर व पांच लाख 69 हजार 358 एंटीजन टेस्ट शामिल हैं।
ये है सैंपलिंग की स्थिति
तिथि, कुल सैंपल
19 जून, 4299
18 जून, 5082
17 जून, 5180
16 जून, 4910
15 जून, 4672
14 जून, 5180
13 जून, 3098
12 जून, 5083
कोरोना की दूसरी लहर भले ही खत्म हो गई हो, लेकिन अब तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है। यह वायरस तेजी से फैलता है, ऐसे में सैंपलिंग कर ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच करके ही चेन को बनने से रोका जा सकता है। इसलिए रोजाना चार से पांच हजार लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं।
- डा. बीपीएस कल्याणी, सीएमओ।