अलीगढ़ नुमाइश मैदान में इस बार मुफ्त में नहीं मिलेगा फूड कोर्ट, ये है वजह

नुमाइश के कोहिनूर मंच के बराबर में खाली पड़ी जमीन पर लगने वाले फूड कोर्ट को प्रशासन इस बार मुफ्त में नहीं देगा। नीलामी के माध्यम से इसके आवंटन कराने की तैयारी चल रही है। पिछले साल एएमयू छात्रों को इसके लिए मफ्त में जमीन दी गई है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 11:11 AM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 11:11 AM (IST)
अलीगढ़ नुमाइश मैदान में इस बार मुफ्त में नहीं मिलेगा फूड कोर्ट, ये है वजह
नुमाइश का इस बार 19 दिसंबर से लेकर 10 जनवरी तक आयोजन कराने का निर्णय हुआ है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। नुमाइश के कोहिनूर मंच के बराबर में खाली पड़ी जमीन पर लगने वाले फूड कोर्ट को प्रशासन इस बार मुफ्त में नहीं देगा। नीलामी के माध्यम से इसके आवंटन कराने की तैयारी चल रही है। पिछले साल प्रशासन की ओर से एएमयू छात्रों को इसके लिए मफ्त में जमीन दी गई है। इसका मकसद संपन्न परिवारों से जुड़े दर्शकों को यहां पर लजीज व्यंजन उपलब्ध कराना था। लोगों ने इसे काफी पसंद किया था। एएमयू छात्रों ने इसका संचालन किया था। इससे कमाई भी अच्छी खासी हुई थी। ऐसे में अब प्रशासन इस जमीन को बोली के माध्यम से आवंटित कराने का फैसला लिया है।

19 दिसंबर से शुरू होगी नुमाइश

गंगा-जमुनी तहजीब की प्रतीक अलीगढ़ की नुमाइश का इस बार 19 दिसंबर से लेकर 10 जनवरी तक आयोजन कराने का निर्णय हुआ है। ऐसे में अब इसकी तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। शुक्रवार से ठेके की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। प्रशासनिक आदेश के मुताबिक पहले दिन कुल 12 ठेके होंगे। इसके बाद शनिवार को 14 ठेके जारी होंगे। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि इस बार सात ठेके नीलामी के माध्यम से होगे। इनमें प्रबंधन शुल्क व्यवस्थापन, ठेका सर्कस स्थसल, ठेका लाल ताल वोटिंग, विद्युत सजावट एवं आपूर्ति शामिल हैं। वहीं, अन्य ठेके निविदा के माध्यम से होंगे। उन्होंने बताया कि पिछले साल कोहिनूर मंच के बराबर में फूड कोर्ट आवंटित किया गया है। इस बार इस जमीन की भी नीलामी होगी। इससे नुमाइश की आय बढ़ेगी। पिछले साल मुफ्त में इस जमीन का आवंटन हुआ था। वहीं, नुमाइश में इस बार सीसीटीवी कैमरे की भी व्यवस्था की गई है।

ठेका आवंटन में लगाए आरोप

जानकारों के अनुसार नुमाइश के ठेके के आवंटन में आरोप-प्रत्योराप का खेल आम हैं। कई बार प्रशासन को इसके चलते दो-दो बार ठेका करना पड़ता है। ऐसे में प्रशासन ने इस बार इससे बचने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। नुमाइश के सभागार व कक्षाें को सीसीटीवी कैमरों से लैस कर दिया गया है। वायस रिकार्डिंग की भी व्यवस्था की गई है। इसमें सभी ठेकों की रिकार्डिंग होंगी। वहीं, बिजली का ठेका काफी लंबे समय बाद नीलामी के माध्यम से होगा। अब तक यह निविदा के माध्यम से होता था।

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