ये कैसी व्यवस्था...डाक्टर गायब, दवा भी बाहर की Aligarh News

जिले में कोरोना वायरस का कहर फिर शुरू हो गया है दूसरी तरफ उल्टी दस्त डायरिया पीलिया व वायरल जैसी बीमारियां भी पैर पसार रही हैं। दीनदयाल अस्पताल को कोविड सेंटर में बदलने से मरीज जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 07:44 AM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 07:44 AM (IST)
ये कैसी व्यवस्था...डाक्टर गायब, दवा भी बाहर की Aligarh News
दीनदयाल अस्पताल को कोविड सेंटर में बदलने से मरीज जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं।

अलीगढ़, जेएनएन। जिले में कोरोना वायरस का कहर फिर शुरू हो गया है, दूसरी तरफ उल्टी, दस्त, डायरिया, पीलिया व वायरल जैसी बीमारियां भी पैर पसार रही हैं। दीनदयाल अस्पताल को कोविड सेंटर में बदलने से मरीज जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। पूर्व में जहां 1400-1500 मरीज आ रहे थे, अब संख्या दो हजार तक पहुंच गई है। यहां उन्हेंं अव्यवस्थाओं से जूझना पड़ रहा है। ओपीडी से लेकर दवा काउंटर, कोविड सैंपल काउंटर, एक्सरे रूम समेत कहीं भी शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है। डाक्टरों के ओपीडी में पूरा समय न देने की शिकायतें बढ़ रही हैं। उल्टी-दस्त तक की दवा बाहर की लिखी जा रही है।

कदम-कदम पर बदइंतजामी

सोमवार दोपहर करीब एक बजे दैनिक जागरण की टीम जिला अस्पताल पहुंची। गेट पर ऐसा कोई इंतजाम नजर नहीं आया, जो बिना मास्क के आए मरीजों-तीमारदारों को रोक सके। ओपीडी में मरीजों की भीड़ थी। जितने मरीज बेंचों पर बैठे थे, उतने ही जमीन पर थे। बाल रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, सर्जन, ईएनटी कक्ष में इंटर्न (प्रशिक्षु डाक्टर) इलाज करते नजर आए। तमाम मरीज बिना मास्क के दिखे। दवा काउंटर पर पहुंचे तो यहां शारीरिक दूरी की धज्जियां उड़ रही थीं। अन्य काउंटरों पर ऐसी ही स्थिति थी। बच्चा वार्ड में उल्टी-दस्त से ग्रस्त करीब 24 मरीज भर्ती मिले। मरीजों के पास बाहर की दवा भी नजर आई। 

 पत्नी के हाथ में फ्रैक्चर है। सात बजे अस्पताल आए थे। डेढ़ बज चुका है, अभी तक डाक्टर साहब नहीं आए। कर्मचारियों ने दो बजे के बाद डाक्टर के आने की जानकारी दी है। वे नहीं आए तो कल दोबारा आना पड़ेगा।शाबुद्दीन, नींवरी

 मां की पित्त की थैली में पथरी है। सर्जन ने आपरेशन बताया है। सुबह नौ बजे उन्होंने कोरोना जांच लिख दी। दोबारा आए तो वे नहीं मिले। एक बज गया है। इंतजार कर रहे हैं कि सर्जन आ जाएं।

अजय कुमार, अलीगढ़

 बेटी को दस्त होने पर रविवार रात वार्ड में भर्ती कराया है। डाक्टर ने दवा लिख दी है। ऑफ्लोक्स ओजेड नामक दवा अस्पताल से नहीं मिली, इसलिए बाहर से खरीदी है। अभी बेटी को ज्यादा फायदा नहीं है।

लालाराम, सराय मियां

 शनिवार को आठ माह की बेटी को दस्त हुए। यहां भर्ती कराया। इलाज से कुछ आराम हुआ है। डाक्टर ने डिस्चार्ज कर घर पर ही इलाज जारी रखने की सलाह दी है। दवा बाहर की लिखी है।

तैयब, शाहजमाल

कोविशील्ड टीका ही उपलब्ध

कोरोना वायरस को हराने के लिए टीकाकरण को अचूक माना जा रहा है। चिंता की बात ये है कि पर्याप्त टीके अभी उपलब्ध नहीं हैैं। वर्तमान में करीब 30 हजार लोगों के लिए टीके उपलब्ध हैं। इसमें करीब 25 हजार को कोविशील्ड व पांच हजार को कोवैक्सीन टीका दिया जा सकता है। कोवैक्सीन कम है, इसलिए विभाग ने इसे पहले टीके के रूप में लगाना बंद कर दिया है। केवल उन्हेंं लोगों को कोवैक्सीन टीका लग रहा है, जो दोबारा इसे लगवाने आए हैं। निजी अस्पतालों को कम टीके मिल रहे हैं। इससे सोमवार को मात्र 204 लोगों को टीके लग पाए।

रिपोर्ट में देरी से परेशानी

जिले में रोजाना तीन से चार हजार लोगों की जांच हो रही है। इसमें औसत दो हजार आरटीपीसीआर जांच की जा रही हैं। यह जांच केवल दीनदयाल अस्पताल व मेडिकल कालेज में ही उपलब्ध है। दीनदयाल अस्पताल में 1200 जांच रोजाना हो रही हैं। चिंता की बात ये है कि 24 घंटे में रिपोर्ट मिल जानी चाहिए, यहां सभी की रिपोर्ट आने में 48 घंटे तक लग रहे हैं। सर्वाधिक जांच यहीं हुई हैं।

दीनदयाल अस्पताल में अब नान कोविड सेवाएं बंद कर दी गई हैं। जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। प्रबंधन से बात करके डाक्टरों की उपस्थिति व दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बात करेंगे। मरीजों को कोई भी परेशानी नहीं होने दी जाएगी। अस्पतालों में मरीजों-तीमारदारों व स्टाफ के लिए मास्क व शारीरिक दूरी के नियम का पालन जरूरी है। सोमवार को हमारे पास 30 हजार लोगों के लिए टीके थे। कोवैक्सीन टीका केवल दूसरी बार के लिए स्टाक में रखा गया है।

डा. बीपीएस कल्याणी, सीएमओ

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