सेवा का ये है नायाब काम, फोन पर कर दिया करते हैं मदद Aligarh News
सेवा करने के तमाम रास्ते हैं। लोग अलग-अलग तरीके से कार्य करते हैं। कुछ लोगों की इतनी सक्रियता रहती है कि फोन आते ही सुविधा पहुंचा देते हैं। उड़ान सोसायटी भी इसी अनुसार कार्य करती है। कहीं भी कोई फोन आता है सोसायटी के पदाधिकारी मदद को पहुंच जाते हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। सेवा करने के तमाम रास्ते हैं। लोग अलग-अलग तरीके से कार्य करते हैं। कुछ लोगों की इतनी सक्रियता रहती है कि फोन आते ही सुविधा पहुंचा देते हैं। उड़ान सोसायटी भी इसी अनुसार कार्य करती है। कहीं भी कोई फोन आता है सोसायटी के पदाधिकारी मदद को पहुंच जाते हैं। अभी हाल में एक रिक्शा चालक को फोन आने पर महीने भर का राशन दिया। तमाम मरीजों को अस्पताल में पहुंचाने और उनकी मदद करने का भी काम करते हैं।
ऐसे की गरीबों की सेवा
सेवाकार्य में सबसे सक्रियता की सबसे अधिक जरूरत है। यदि किसी को मदद की जरूरत होती है और समय पर न मिले तो सेवाकार्य का महत्व कम हो जाता है। तमाम ऐसे लोग हैं, जिन्हें भोजन, राशन, दवा आदि की जरूरत पड़ती है, वो भटकते रहते हैं, कई लोग उन्हें देखकर इग्नोर भी कर दिया करते हैं, जिससे व्यक्ति को मदद नहीं मिल पाती है। मगर, उड़ान सोसायटी की टीम इस मामले में काफी सक्रिय रहती है। टीम के सदस्य मदद के लिए तुरंत पहुंचते हैं। अभी हाल में एक रिक्शा चालक पुलिस लाइन के पास से जा रहा था। उसे दो दिनों से सवारियां नहीं मिल रही थीं, इसलिए उसके पास पैसे नहीं थे। भूख से वो बिलख रहा था। एक राहगीर से उसने मदद मांगी। राहगीर ने तुरंत उड़ान सोसायटी के डायरेक्टर डा. ज्ञानेंद्र मिश्रा को फोन मिला दिया। उन्होंने तुरंत रिक्शा चालक को रेलवे स्टेशन के पास बुला लिया। उसे पैसे के साथ महीने भर का राशन दिया। साथ ही कहा कि आगे यदि मदद की जरूरत हो तो वो पूरा सहयोग करेंगे। अभी कुछ दिन पहले नगला तिकोना में एक मजदूर के पैर में फैक्चर हो गया था। डा. ज्ञानेंद्र मिश्रा को जानकारी हुई तो उन्होंने तुरंत टीम को भेजा। मजदूर का इलाज कराया। दवा और प्लास्ट के पैसे भी दिए।
दो बहनों की सेवा की
कुलदीप विहार में दो बहनों की शादी थी। परिवार की आर्थिक स्थिति काफी ठीक नहीं थी। डा. ज्ञानेंद्र मिश्रा को पता चला तो उन्होंने दोनों बहनों की शादी का इंतजाम कराया। बेड, अलमारी, ड्रेसिंग टेबल, बर्तन, सिलाई मशीन, कुर्सी आदि दिलवाई। ज्ञानेंद्र मिश्रा का कहना है कि हमारी कोशिश होती है कि समय से जरूरतमंद तक मदद पहुंचाई जाए। इसलिए सड़क पर कोई भी मरीज दिखाई पड़ता है तो टीम तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाने का कार्य करती है। उसकी देखरेख और दवा की भी व्यवस्था करती है। इसलिए दिल्ली, मुंबई, पुणे आदि शहरों के छात्र उड़ान सोसायटी में सेवाकार्य का प्रशिक्षण लेने आते हैं, जिससे वो भी बेहतर तरीके से कार्य कर सकें। डा. ज्ञानेंद्र बताते हैं कि इन 12 वर्षों में 100 से अधिक छात्र-छात्राएं उनके यहां से प्रशिक्षण ले चुके हैं।