Aligarh Municipal Corporation : अंत्येष्टि स्थलों के सुधरेंगे हालात, नगर निगम ने 36 श्मशान गृह व 40 कब्रिस्तान किए चिह्नित

नगर निगम हरकत में आ गया है। शहरी क्षेत्र में 36 श्मशानगृह व 40 कब्रिस्तान चिह्नित कर जरूरी व्यवस्थाएं कराई जा रही हैं। इसके लिए एक सुपर नोडल अधिकारी एक नोडल चार जेई व आठ स्वच्छता निरीक्षकों की टीम भी तैयार की गई है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 10:47 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 10:47 AM (IST)
Aligarh Municipal Corporation : अंत्येष्टि स्थलों के सुधरेंगे हालात,  नगर निगम ने 36 श्मशान गृह व 40 कब्रिस्तान किए चिह्नित
शहरी क्षेत्र में 36 श्मशानगृह व 40 कब्रिस्तान चिह्नित कर जरूरी व्यवस्थाएं कराई जा रही हैं।

अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना संकट में अंत्येष्टि स्थलों पर बढ़ रहे बोझ से नगर निगम हरकत में आ गया है। शहरी क्षेत्र में 36 श्मशानगृह व 40 कब्रिस्तान चिह्नित कर जरूरी व्यवस्थाएं कराई जा रही हैं। इसके लिए एक सुपर नोडल अधिकारी, एक नोडल, चार जेई व आठ स्वच्छता निरीक्षकों की टीम भी तैयार की गई है।

अंत्येष्टि स्थलों पर तैनात होंगे सुरक्षा कर्मी

नगर आयुक्त प्रेम रंजन सिंह ने बताया कि नगर निगम सीमा में सभी छोटे-बड़े 40 कब्रिस्तान, 36 श्मशान गृहों में जन सुविधाओं को प्रभावी बनाने की कार्ययोजना तैयार की गई है। कोरोना काल में मृतकों के स्वजन की परेशानियों को देखते हुए अगले 10 दिन में अंत्येष्टि स्थलों पर हैंडपंप, सबमर्सिबल, चबूतरा बाउंड्री वाल, गेट, लाइट, पौधारोपण, प्लेटफार्म के अलावा देखरेख के लिए सुरक्षाकर्मी तैयार किए जाएंगे। नगर आयुक्त ने कहा कि नगर निगम का प्रयास सभी अंत्येष्टि स्थलों को आवश्यक सुविधाओं से लैस बनाने का है। इस योजना को जमीनी रूप देने के लिए अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार गुप्त के नेतृत्व में अधिशासी अभियंता निर्माण अशोक कुमार भाटी को नोडल अधिकारी, चार अवर अभियंता, आठ स्वच्छता निरीक्षक की टीम गठित की है। 

काम युद्ध स्तर पर शुरू

अपर नगर आयुक्त ने बताया कि प्रतिदिन अंत्येष्टि स्थलों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने के निर्देश दिए गए हैं। नोडल अधिकारी ने बताया कि पहले चरण में नगला मान सिंह मरघट, कुम्हारों वाला मरघट, देवी नगला मरघट, कयामपुर मरघट, धनीपुर मरघट, किशनपुर मरघट, हरिओम नगर, धौर्रामाफी मरघट व रामनगर मरघट में चबूतरा, टिनशेड, बाउंड्रीवाल, रंगाई-पुताई, अस्थिकुंड का काम युद्ध स्तर पर शुरू करा दिया गया है।

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