जीवन रक्षक दवा, वेंटिलेटर, आक्सीजन कंसंट्रेटर को सस्ता करने के ये हैे उपाय, जानिए विस्तार से Aligarh News
कोरोना की दूसरी लहर चल रही है तीसरी लहर की चेतावनी दी जा रही हैं। संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या और मौत का आंकड़ा भयाभय की स्थित वयां कर रहा है। स्वस्थ्य सेवाएं हाफ रही हैं। सरकारी मशीनरी संसाधन न होने की लाचारी दर्शा रहे हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर चल रही है, तीसरी लहर की चेतावनी दी जा रही हैं। संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या और मौत का आंकड़ा भयाभय की स्थित वयां कर रहा है। स्वस्थ्य सेवाएं हाफ रही हैं। सरकारी मशीनरी संसाधन न होने की लाचारी दर्शा रहे हैं। मरीजों के लिए ना तो हास्पीटलों में जगह है, ना ही आक्सीजन। हर रोज मरीज आक्सीजन के अभाव में मर रहे हैं। वरिष्ठ व्यापारी नेता ज्ञानचंद्र वाष्र्णेय के परिजन सुबह से दोपहर तक आक्सीजन लेने के लिए दिनभर दौड़ते रहे। बड़ी मुश्किल से छोटे सिलिंडर का दोपहर तक इंतजाम हो सका। इसके अभाव में जिंदगी हार गई, मौत जीत गई। जीवन रक्षक दवां व संयत्र तीन से चार गुना महंगे बाजार में बेचे जा रहे हैं। इस गंभीर समस्या को लेकर अलीगढ़ व्यापारी संघर्ष समिति की एक वर्चुअल मीटिंग हुई, जिसमें कोरोना महामारी से उत्पन्न परिस्थिति पर चर्चा की गई।
कोरोना से लोगों में भय व्याप्त
मुख्य संयोजक अनिल सैंचुरी व मनीष अग्रवाल वूल ने कहा कि इस महामारी के कारण हर वर्ग के नागरिकों में एक भय व्याप्त है। इलाज के नाम पर सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्था तथा प्राइवेट अस्पतालों में अव्यवस्था के साथ-साथ निर्धारित से अधिक धन वसूले जाने, बैड की कमी, ऑक्सीजन की कमी तथा जीवन रक्षक दवाओं की भारी कमी के चलते आम जनता बेहद परेशान है। कोरोना मरीजों के तीमारदार हैरान-परेशान इधर से उधर भाग दौड़ करते हैं, लेकिन अंत में निराशा ही हाथ लगती है। उन्होंने मांग की कि कोरोना महामारी रहने तक सभी जीवन रक्षक दवाओं, बैड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आदि से जीएसटी व एक्साइज ड्यूटी हटाई जाए। जिससे पहले से ही परेशान लोगों को कुछ राहत मिल सके।
दवाओं की ब्लैक मार्केटिंग
हरिकिशन अग्रवाल, अन्नू बीडी़ व संजीव रतन अग्रवाल ने कहा कि महानगर में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का रवैया निराशाजनक है। दीनदयाल अस्पताल में व्यवस्थाओं के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। आक्सीजन बहुत कम समय के लिए दी जाती है। समिति के इन पदाधिकारियों ने महानगर के थोक दवा विक्रेताओं से अपील की वे इस आपातकाल में कोरोना महामारी से संबंधित जीवन रक्षक दवाओं व इन्जैक्शनों का अपना स्टाक विवरण ड्रग्स विभाग के अधिकारियों को उपलब्ध कराऐं जिससे उन पर इन दवाओं की ब्लैक मार्केटिंग का आरोप न लग सके। साथ ही सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाओं में तत्काल सुधार हो तथा प्राइवेट अस्पतालों में महामारी को आपदा में अवसर जानकर हो रही अनाप शनाप वसूली पर रोक लगाते हुए इन पर कठोरतम कार्यवाही की जाए।