फरमान हवा-हवाई, अलीगढ़ में सरकारी कार्यालयें में भी नहीं हैं रेन वाटर हार्वेस्टिंग Aligarh news

यह जल से ऐसा छल है कि पानी बचाने के इंतजाम पानी-पानी हुए पड़े हैं। हर साल पानी बचाने को लेकर सरकारी मशीनरी कितने ही आयोजन और लंबे-चौड़े भाषण दे जमीनी स्तर पर सारे प्रयास धराशायी ही नजर आते हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 05:48 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 06:45 AM (IST)
फरमान हवा-हवाई, अलीगढ़ में सरकारी कार्यालयें में भी नहीं हैं रेन वाटर हार्वेस्टिंग Aligarh news
अधिकांश सरकारी कार्यालयों में भी नहीं लगा रेन वाटर हार्वेस्‍टिंग।

अलीगढ़, जेएनएन । यह जल से ऐसा छल है कि पानी बचाने के इंतजाम पानी-पानी हुए पड़े हैं। हर साल पानी बचाने को लेकर सरकारी मशीनरी कितने ही आयोजन और लंबे-चौड़े भाषण दे, जमीनी स्तर पर सारे प्रयास धराशायी ही नजर आते हैं। जिले में भी तमाम सरकारी विभागों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं हैं। जिले से लेकर ब्लाक स्तर के कार्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिं नहीं लगे। इसके चलते हर साल हजारों लीटर पानी ऐसी ही बर्बाद हो जाती हैं। हालांकि, पिछले कुछ सालों के दौरान कुछ कार्यालयों में इसकी स्थापना जरूर हुई है। अब एडीए रूफटाप रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्थापित कर रहा है।

रेन वाटर हार्वेस्‍टिंग का नहीं हो रहा पालन

उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 में 300 वर्ग मीटर से अधिक भूखंड पर बने भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाना अनिवार्य है। इसी नियम के तहत प्राधिकरण नक्शा पास करता है। गैर सरकारी के साथ ही सरकारी कार्यालयों में इसकी स्थापना जरूरी है, लेकिन जिले भर में घर, दुकान, काम्पलेक्स, हास्पिटल, उद्योग और ग्रुप हाउसिग सोसायटी के साथ ही सरकारी कार्यालयों में भी नियमों का पालन नहीं हो रहा है। ज्यादातर भवनों में जमीन से पानी निकाला जा रहा है। लेकिन, उसकी भरपाई करने के लिए इंतजाम नहीं किया जा रहा है। यही वजह है कि भू-गर्भ जल का स्तर लगातार नीचे गिर रहा है।

सरकारी विभाग फिसड्डी

निजी भवनों के साथ ही सरकारी भवनों का रेन वाटर हार्वस्टिंग में बुरा हाल है। अगर सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में कुल 56 सरकारी विभागों के कार्यालय हैं, इनमें से 12 कार्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगने बाकी रह गए हैं। अधिकतर सरकारी कार्यालयों में रूफटाप रेन वाटर हार्वेस्टिंग की स्थापना हुई है। पांच ब्लाक कार्यालयों में अभी रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं लगे है। कुछ नगर पंचायत भी इससे अछूती हैं। वाणिज्य कर कार्यालय में दो रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्थापित होने हैं। 45 वीं पीएसी में भी एक एक हार्वेस्टिंग लगना है। खैर तहसील में भी अभी यह प्लांट नहीं लगा है।

यह होता है रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

बारिश के जल को किसी खास माध्यम से जमा करने की प्रक्रिया को रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कहा जाता है। आज दुनिया भर में पेयजल की कमी एक बड़े संकट का रूप लेती जा रही है। यही कारण है कि भवन सरकारी हो या प्राइवेट, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य कर दिया है। इसके माध्यम से पानी को वापस जमीन में भेजा जा सकता है।

यह हैं फायदे

- वर्षा का पानी बेकार नहीं जाता

-भूगर्भ जल स्तर संतुलित रहता है

-हैंडपंप, कुएं और कुएं लंबे समय तक चलते हैं

इनका कहना है

सभी सरकारी कार्यालयो में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए निर्देश दे दिए गए हैं। जिले के अधिकतर कार्यालयों में इसकी स्थापना हो चुकी है। जो कार्यालय बाकी रह गए हैं, जल्द ही वहां भी स्थापन हो जाएगी।

चंद्रभूषण सिंह, डीएम

300 वर्ग गज से अधिक के कार्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने का नियम है। निजी भवनों में लोगों को इसके लिए प्रेरित किया जाता है। सरकारी कार्यालयों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग की स्थापना कराई जा रही है।

प्रेम रंजन सिंह, एडीए वीसी

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