एएमयू से उठी मौलाना कलीम की रिहाई की आवाज, विरोध

इस्लामिक स्कालर मौलाना कलीम सिद्दीकी व डा. उमर गौतम की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को उनकी रिहाई की माग की गई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 10:33 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 10:33 PM (IST)
एएमयू से उठी मौलाना कलीम
की रिहाई की आवाज, विरोध
एएमयू से उठी मौलाना कलीम की रिहाई की आवाज, विरोध

जासं, अलीगढ़ : इस्लामिक स्कालर मौलाना कलीम सिद्दीकी व डा. उमर गौतम की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को एएमयू से उनकी रिहाई की आवाज उठी। छात्रनेताओं ने जामा मस्जिद से बाब-ए-सैयद तक प्रोटेस्ट मार्च निकालकर उनको जल्द रिहा करने की मांग उठाई। साथ ही राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा। छात्रनेता इमरान ने बताया कि असम में मुस्लिमों पर किए जा रहे हमलों पर तत्काल रोक लगाए जाने की मांग भी उठाई। इस संबंध में असम के मुख्यमंत्री को भी चार सूत्रीय मांग पत्र भेजा है। कहा कि डा. उमर गौतम को भी पुलिस ने काफी समय से अपनी हिरासत में रखा है। इन दोनों की तत्काल रिहाई की जानी चाहिए। वहीं दूसरी ओर अलीगढ़ सिविल सोसायटी के पदाधिकारियों ने मौलाना सिद्दीकी की गिरफ्तारी को असंवैधानिक करार देते हुए उनकी रिहाई की मांग की। कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर अफसरों को ज्ञापन सौंपा।

एसीएम को दिया ज्ञापन:

मुस्लिम धर्मगुरुओं व बुद्धिजीवियों ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट पहुंचकर एसीएम द्वितीय को धर्मातरण के आरोपी मौलाना कलीम सिद्दीकी के समर्थन में एक ज्ञापन सौंपा। इसके माध्यम से उन्होंने रिहाई की मांग की।

ज्ञापन देते हुए लोगों ने कहा कि इस्लामिक स्कालर व धर्मगुरु मौलाना की गिरफ्तारी गलत है। तत्काल उनकी रिहाई होनी चाहिए। इस मौके पर मुफ्ती जाहिद अली खान, इंजी. आगा यूनुस, मोहम्मद सलमान इम्तियाज, मोहम्मद राहत सुल्तान, अदील अख्तर समेत अन्य मौजूद रहे। वहीं, पूर्व सपा विधायक जमीर उल्लाह खान ने मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार करने की निदा की है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने संविधान की अनदेखी कर कार्रवाई की है। संविधान में हर भारतीय को अपने धर्म के हिसाब से जीने का अधिकार है। बेवुनियाद आरोप लगाकर मौलाना पर कार्रवाई की गई। सरकार धर्म के नाम पर लोगों को लड़ाना चाहती है। इस तरह की बात को जनता समझ चुकी है। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

chat bot
आपका साथी