अलीगढ़ में अवैध हिरासत में रखने व उत्पीड़न के मामले में फंसे तत्कालीन थाना व एसओजी प्रभारी

पिसावा में राजा के किले में छह साल पहले हुई थी करोड़ों की चोरी सीबीसीआइडी की इंस्पेक्टर ने दस पुलिसकर्मियों पर दर्ज कराया मुकदमा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 08:20 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 08:20 PM (IST)
अलीगढ़ में अवैध हिरासत में रखने व उत्पीड़न के मामले में फंसे तत्कालीन थाना व एसओजी प्रभारी
अलीगढ़ में अवैध हिरासत में रखने व उत्पीड़न के मामले में फंसे तत्कालीन थाना व एसओजी प्रभारी

जासं, अलीगढ़ : पिसावा में राजा के किले में छह साल पहले हुई करोड़ों की चोरी में अवैध रूप से हिरासत में रखने व उत्पीड़न के मामले में तत्कालीन थाना व एसओजी प्रभारी समेत दस पुलिसकर्मी फंस गए हैं। इनके खिलाफ इस प्रकरण की जांच कर रही सीबीसीआइडी की आगरा विग की इंस्पेक्टर विद्योत्तमा मिश्रा ने थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

मुकदमे में पिसावा थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक कमलेश कुमार यादव, एसआइ कृष्ण कुमार सिंह, सिपाही अमित कुमार अग्निहोत्री, तत्कालीन एसओजी प्रभारी निरीक्षक रवि त्यागी, सिपाही वीरेश, राकेश, मोहन, सुखवीर, दुर्विजय, मुकेश कुमार को नामजद कराया है। आरोप है कि 22 मार्च 2015 को पिसावा राजा के किले से जेवरात, सिक्के, विदेशी हथियार समेत अन्य सामान चोरी हो गया था। अभी तक चोरी की घटना का अब तक राजफाश नहीं हो सका है। इसकी रिपोर्ट दर्ज होने के बाद तत्कालीन थाना प्रभारी कमलेश कुमार यादव ने विवेचना शुरू की। जांच के दौरान टप्पल क्षेत्र के उसरह निवासी विनोद कुमार को हिरासत में ले लिया। आरोप है कि थाने में विनोद के स्वजन व ग्रामीण उसे छुड़ाने पहुंचे तो कह दिया गया कि पहले जगवीर को ले आओ, फिर विनोद को छोड़ देंगे। जगवीर पिसावा किले में नौकर था और परिवार के साथ रहता था। 25 मार्च को जगवीर को लेकर ग्रामीण रामपाल व रवेंद्र थाने पहुंचे। जहां से उन्हें भगा दिया गया। जगवीर को थाने में बिठा लिया और विनोद को नहीं छोड़ा। पुलिस हिरासत में ही पांच अप्रैल को विनोद के सीने में दर्द हुआ तो पुलिस उसे गांव तक छोड़कर चली गई। जगवीर को ग्रामीणों के सिपुर्द कर दिया। ग्रामीणों ने जगवीर व विनोद का डाक्टरी परीक्षण कराया तो दोनों के चोट होना पाया गया। आरोप है कि थाने के अलावा एसओजी कर्मियों ने पूछताछ के दौरान उन्हें यातनाएं दीं और अवैध रूप से हिरासत में रखने को जीडी में झूठा तस्करा दर्ज किया। पीड़ित पक्ष ने उच्चाधिकारियों से लेकर शासन तक शिकायत की तो सीबीसीआइडी जांच कराई गई। कमलेश कुमार यादव वर्तमान में एसएसपी दफ्तर स्थित डीसीआरबी कार्यालय में तैनात हैं। रिपोर्ट में नामजद अन्य पुलिस कर्मियों का दूसरे जिलों में तबादला हो चुका है। पिसावा इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।

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