अलीगढ़ साइबर सेल बनी पीड़ितों की हमदर्द, शातिर ठगों से करा रही रकम वापस Aligarh news

अलीगढ़ जागरण संवाददाता। कभी लोन देने तो कभी इनाम का लालच देकर साइबर ठग लोगों के खाते से पैसे निकालने का काम कर रहे हैं। शातिरों के झांसे में आकर लोग अपने जीवनभर की कमाई को गंवा रहे हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 05:10 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 05:18 PM (IST)
अलीगढ़ साइबर सेल बनी पीड़ितों की हमदर्द, शातिर ठगों से करा रही रकम वापस Aligarh news
साइबर ठगी के काम में जुटे अपराधियों का पकड़ पाना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  कभी लोन देने तो कभी इनाम का लालच देकर साइबर ठग लोगों के खाते से पैसे निकालने का काम कर रहे हैं। शातिरों के झांसे में आकर लोग अपने जीवनभर की कमाई को गंवा रहे हैं। साइबर ठगों का जाल जिस तरह से फैल रहा है, वैसे ही पुलिस भी उनसे निपटने के लिए नए-नए तरीकों को अपना रही है। ऐसे में पीड़ितों का मंडल स्तरीय साइबर सेल सहारा बन रही है। इसमें अलीगढ़, एटा, कासगंज व हाथरस जिले के सभी थाने इससे सीधे जुड़े हुए हैं। बीते एक साल में 20 लाख रुपये से अधिक की धनराशि को साइबर ठगों के निकालने से पहले ही पीड़ितों के खाते में वापस कराने की कार्रवाई की गई है। इतना ही नहीं 1.68 करोड़ रुपये संबंधित खातों में होल्ड फ्रीज कराने की भी कार्रवाई की गई है।

चुनौती बन रहे साइबर शातिर

साइबर ठगी के काम में जुटे अपराधियों का पकड़ पाना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है। दूसरे राज्यों में बैठकर साइबर ठग लोगों के खाते से रकम निकालने का काम कर रहे हैं। पैसे लेने के बाद फिर किसी तीसरे राज्य में जाकर ठिकाना बना लेते हैं। शातिर अपने नाम, नंबर के साथ ही पहचान भी बदल देते हैं। साइबर क्राइम से जुड़े मामलों में भले ही शातिरों की गिरफ्तारी कम हुई है लेकिन, अलीगढ़ साइबर सेल ने ठगों को सबक सिखाने का काम किया है। बीते एक साल में सेल में 23 मुकदमे दर्ज हुए हैं। 10 मुकदमों को दूसरे जिलों से यहां विवेचना को भेजा गया है। इनमें करीब 20 लाख की रकम को पीड़ितों के खातों में वापस भेजा गया है। इन मामलों में 1.68 रुपये की रकम को होल्ड फ्रीज कर साइबर शातिरों से सुरक्षित किया गया है।

इस तरह हो रहे अपराध

साइबर अपराधी कोई भी अश्नील वीडियो भेजकर या फोटो मार्फ कर लोगों को विभिन्न तरीकों से परेशान करते हैं। इसमें मेरिज व्यूरो, सस्ती कीमत पर सामान उपलब्ध कराने का लालच देकर ठगी कर रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर पहचान की चोरी, ई-मेल स्पूलिंग फ्राड, डेटा चोरी, ओएलएक्स फ्राड, इंटरनेट मीडिया फ्राड, हैकिंग, मोबाइल एप फ्राड के जरिए भी लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है।

सर्तक रहें, जागरुक रहें, सुरक्षित रहें

पुलिस लोगों को साइबर क्राइम से बचाव के लिए 'सर्तक रहें, जागरुक रहें, सुरक्षित रहें' का अभियान चलाकर जागरुक करने का काम कर रही है। इसके लिए इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। नागरिकों से अपील की जा रही है कि अपनी नितांत व्यक्तिगत जानकारियां कहीं पोस्ट न करें। किसी अपरिचित की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकारने से पहले पूरी तरह उसकी जानकारी भी सुनिश्चित कर लेें। बैंकिंग फ्राड से बचने को हमेशा एक मजबूत पासवर्ड (अंकों, अक्षरों व स्पेशल करेक्टर युक्त) बनाएं। आोएलएक्स पर महंगे उत्पादों का बहुत कम बिक्री मूल्य देखकर भी आकर्षित न हों।

यहां शिकायत कर ले सकते हैं मदद

साइबर क्राइम से यदि कोई व्यक्ति प्रभावित हुआ है या उसे कोई शिकायत हो तो वह अपने नजदीकी थाने या साइबर थाने, साइबर महिला सेल, जिला साइबर सेल या आनलाइन नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल CYBERCRIME.GOV.IN पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

इनका कहना है

साइबर अपराधों से बचाव को लेकर पुलिस लगातार लोगों को जागरुक बना रही है ताकि वे होने वाली घटनाओं का शिकार न बनें। मंडल स्तरीय साइबर क्राइम थाना इसके लिए सक्रिय है। कई अपराधियों को पकड़कर जेल भेजा गया है। पीड़ितों की रकम को भी वापस दिलाया गया है। साइबर क्राइम थाने में कोई भी पीड़ित व्यक्ति सीधे आकर या आनलाइन शिकायत कर मदद ले सकता है।

- दीपक कुमार, डीआइजी, अलीगढ़ रेंज

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