Exercise : जल संचय की गाथा लिखेंगे जलाशय, नगर निगम ने की शुरुआत Aligarh news

जल बिन जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। यही वजह है कि मानव सभ्यताओं का उदय नदियों के किनारे हुआ। अब ये नदियां सूख रहीं हैं। तालाब पोखर कुंओं की पहचान मिटती जा रही है। ज्यादातर पर इमारतें खड़ी हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 10:11 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 10:34 AM (IST)
Exercise : जल संचय की गाथा लिखेंगे जलाशय, नगर निगम ने की शुरुआत Aligarh news
नगर निगम ने सालभर पहले गूलर रोड पोखर को कब्जा मुक्त कराने का अभियान छेड़ा था।

अलीगढ़, जेएनएन । जल बिन जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। यही वजह है कि मानव सभ्यताओं का उदय नदियों के किनारे हुआ। अब ये नदियां सूख रहीं हैं। तालाब, पोखर, कुंओं की पहचान मिटती जा रही है। ज्यादातर पर इमारतें खड़ी हैं। जो जल स्रोत बचे हैं, वे अपना आस्तित्व बचाने काे जूझ रहे हैं। कभी पानी से लबालब रहने वाले तालाब कचरे का ढेर नजर आते हैं। इन परिस्थितियाें में नगर निगम ने एलमपुर में तालाब बनवाकर जल संचय की अनूठी पहल की है। प्रदेश में यह पहला तालाब होगा, जो नगर निगम ने अपने संसाधनों से तैयार कराया है। 

तालाब प्रमुख जलस्रोत

तालाब न सिर्फ जल संचय का प्रमुख स्रोत हैं, बल्कि मानसून में जलभराव की समस्या भी नहीं होने देते। शहर में 21 तालाब नगर निगम की रिकार्ड में दर्ज हैं, जो प्राकृतिक हैं। इनमें पांच सूख चुके हैं, छह पर कब्जे हो रहे हैं। जो बचे हैं, उनमें बेहिसाब वर्षा जल को समाने की क्षमता नहीं है। नगर निगम ने इन तालाबों की क्षमता बढ़ाने के साथ नए तालाब तैयार कराने की पहल कर दी है। बन्नादेवी क्षेत्र के गांव एलमपुर से इसकी शुरुआत हुई है। यहां साढ़े तीन हजार वर्गमीटर एरिया में निगम ने बीते वर्ष तालाब की खोदाई शुरु कराई थी, जो अब पानी से लबालब है। इस तालाब की क्षमता तीस हजार क्यूबिक लीटर पानी की है। तालाब का सुंदरीकरण कराकर इसे पिकनिक प्वाइंट के रूप में विकसित किया जा रहा है। पास ही पार्क भी बनाया है। खासबात ये कि नगर निगम ने इसके लिए कोई टेंडर नहीं निकाला, अपने संसाधनाें से यह तालाब बनाया है। नामित पार्षद प्रवीन आर्य का इसमें सहयोग रहा। 

नहीं गिरेगा गंदा पानी

तालाब में गंदा पानी न जाए, इसके लिए पिट (पक्का गड्डा) बनाया गया है। जाली भी लगी है। जाली से होकर पानी पिट में आएगा, फिर तालाब में गिरेगा। पानी के साथ आया ज्यादातर कचरा जाली से रुक जाएगा, बाकी पिट में रह जाएगा। एटा चुंगी स्थित विकास नगर तालाब में भी निगम से यही व्यवस्था कराई है। इससे गंदगी सीधे तालाब में नहीं जाती। 

गूलर रोड पर हुए प्रयास 

नगर निगम ने सालभर पहले गूलर रोड पोखर को कब्जा मुक्त कराने का अभियान छेड़ा था। 29 बीघा में फैली इस पोखर के एक बड़े हिस्से का कब्जा मुक्त कराकर मूल स्वरूप में लाया गया। प्रयास सफल रहे। मानसून में जलभराव के विकराल हालात नहीं बने। जबकि, एक समय था जब पानी में डूबे इलाकों में नाव निकल आती थीं। गूलर रोड इलाका तालाब में तब्दील हो जाता था। 

इनका कहना है

जल संरक्षण को लेकर नगर निगम प्रयासरत है। एलमपुर में निगम ने अपने संसाधनों से तालाब तैयार कराया है। इसे पिकनिक प्वाइंट के रूप में विकसित किया जाएगा। अन्य तालाबों की क्षमता बढ़ाकर उन्हें भी विकसित कराया जाएगा। 

राजबहादुर सिंह, सहायक नगर आयुक्त

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