हाथरस में गढ्डामुक्त सड़कों को दिखाया बारिश ने आइना, वीआइपी मुरसान रोड का सबसे बुरा हाल Hathras News

सरकार का जनपद में गढ्डामुक्त सड़कों का दावा फेल है। पूरे जनपद की सड़काें को गड्ढामुक्त करने के निर्देश शासन की ओर से दिए गए थे। मगर लाेक निर्माण विभाग के अफसरों का दावा है कि 40 फीसद सड़कों पर काम हो चुका है ।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 12:28 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 12:45 PM (IST)
हाथरस में गढ्डामुक्त सड़कों को दिखाया बारिश ने आइना, वीआइपी मुरसान रोड का सबसे बुरा हाल Hathras News
सरकार का जनपद में गढ्डामुक्त सड़कों का दावा फेल है।

हाथरस, जागरण संवाददाता । सरकार का जनपद में गढ्डामुक्त सड़कों का दावा फेल है। पूरे जनपद की सड़काें को गड्ढामुक्त करने के निर्देश शासन की ओर से दिए गए थे। मगर लाेक निर्माण विभाग के अफसरों का दावा है कि 40 फीसद सड़कों पर काम हो चुका है बाकी काम 15 नवंबर तक पूरा करके शासन को रिपोर्ट देनी है। पूरे जनपद में 351 किलोमीटर सड़क में से 140 मीटर सड़क पर लीपापोती कर दी गई है।

ये है सड़कों की हकीकत

प्रशासनिक अफसरों और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता ने मुरसान मथुरा-बरेली रोड पर लोगों की जान को जोखिम में डाल रखा है। इस रोड पर सबसे बुरा हाल मुरसान क्षेत्र में है, जहां हर पल हादसे का डर बना रहता है। इन्हीं गड्ढों के कारण अब तक सैकड़ों बाइक सवार गिरकर घायल हो गए हैं। गड्ढे व क्षतिग्रस्त सड़क के कारण दस मिनट का सफर एक घंटे में तय हो पाता है।

हाईवे खस्ता हाल

मुरसान से लेकर हाथरस तक लगभग 15 किलोमीटर की सड़क का हाल बेहाल है। पिछले साल में सड़क खस्ताहाल हो चुकी है। सोनई बॉर्डर से लेकर करवन नदी पुल तक लगभग 10 से15 किलोमीटर का टुकड़ा अत्यधिक खराब है। जगह-जगह गड्ढे हैं। वाहन की रफ्तार 10 से 20 किलोमीटर प्रति घंटा के आसपास रहती है। इससे जाम की स्थिति बनती है। घंटों में वाहन कस्बे को पार कर पाते हैं। कोई वाहन पलट गया तो मार्ग अवरुद्ध हो जाता है। दुपहिया वाहन चालकों की जान को अधिक खतरा रहता है। इससे आगे हाथरस शहर में जाने के लिए करबन नदी से ओड़पुरा बिजली घर, हाथरस पुलिस लाइन तक आठ किलोमीटर का हिस्सा खराब है। इसके बाद कस्बा मेंडू में प्रवेश करते ही सड़क का हाल बुरा है। प्रशासन की अनदेखी का इससे बड़ा कोई उदाहरण नहीं। इसी रोड पर कलक्ट्रेट, विकास भवन के अलावा मेंडू रोड पर पुलिस लाइन व पुलिस कार्यालय। रोजाना व दिनभर अधिकारियों का इस रोड से गुजरना होता है, लेकिन किसी को अपनी जिम्मेदारी का अहसास नहीं। एक्सप्रेस-वे के लिए यहां के जनप्रतिनिधि भी इस मार्ग का प्रयोग करते हैं, लेकिन मजाल है कि वे लोगों की इस समस्या पर गंभीरता जताएं। 10 किलोमीटर से 25 किलोमीटर का टुकड़ा खराब है।

पब्लिक की पीड़ा

ऐसे ही गड्ढों के कारण आए दिन बस व छोटी गाड़ियां फंस जा रहीं हैं। इसके बावजूद भी संबंधित अधिकारी आंखें बन्द करके बैठे हैं, जिसमें 10 मिनट का सफर करने में घंटों लग जाते है।

चन्द्रभान सिह व्यापारी।

बरसात के मौसम में सड़क पर बने गड्ढों में पानी भर जाने के कारण बाइक व साइकिल सवार लोग गिरकर घायल हो रहे हैं। कभी-कभी मौत भी हो जाती हैं।

रामप्रकाश पौनिया

सड़क न बनने से लोगों को आवागमन में असुविधा हो रही है। अविलंब सड़क के निर्माण की आवश्यकता है। जनप्रतिनिधि व अफसर ध्यान दें।

रूपेश अग्रवाल व्यापारी

इस मार्ग से जिले व मंडल के बड़े अधिकारी भी सफर करते हैं। उनको भी इस मार्ग के बदहाली निर्माण के लिए जिम्मेदार होना चाहिए। खामियाजा लोग भुगत रहे हैं।

हैप्पी व्यापारी

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