नहीं बढ़ी डीएपी की कीमत, तय कीमत पर ही उपलब्ध हो रहा
आगामी दिनों में डीएपी की कीमत बढ़ने की अफवाह से बिक्री केंद्रों पर किसानों की भीड लगी है।
जासं, अलीगढ़ : आगामी दिनों में डीएपी की कीमत बढ़ने की अफवाह से बिक्री केंद्रों पर किसानों की भीड़ उमड़ने लगी है। इससे कृषि विभाग के अफसर भी परेशान हैं। अफसरों ने स्पष्ट किया है कि डीएपी समेत अन्य किसी उर्वरक की कीमत नहीं बढ़ेगी। किसानों को तय कीमत पर ही उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है।
जिला कृषि अधिकारी डा. रामप्रवेश ने बताया कि डीएपी 1200 रुपये व एनपीके की कीमत 1450 रुपये प्रति बैग तय है। सरकार ने मूल्य नहीं बढ़ाया है। किसान तय कीमत पर बिक्री केंद्रों पर उर्वरक खरीदें। आधार कार्ड के बिना उर्वरक की बिक्री न करने के निर्देश केंद्र संचालकों को दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि जनपद में 3722 मीट्रिक टन डीएपी, 2248 मीट्रिक टन एनपीके व 338 मीट्रिक टन एसएसपी उर्वरक उपलब्ध है। 29 अक्टूबर को 800 मीट्रिक टन आइपीएल डीएपी, 2150 मीट्रिक टन आरसीएफ डीएपी, 1350 मीट्रिक टन इंडोरामा एनपीके व 31 अक्टूबर को 800 मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध हो जाएगा। अधिक कीमत लेने व अनुपयोगी उर्वरक जबरन बेचने पर किसान कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन नंबर (0571-2742581) पर शिकायत कर सकते हैं। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि फसलों में उर्वरकों का अत्याधिक मात्रा में प्रयोग किया जा रहा है। इससे लागत बढ़ने के साथ मिट्टी की उर्वरा शक्ति पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। एक एकड़ आलू की फसल के लिए दो बैग यूरिया, दो बैग डीएपी, 68 किलो एनओपी, 34 किलो एमपीओ की आवश्यकता होती है। इससे अतिरिक्त 25 किलो कैल्शियम नाइट्रेट, 10 किलो सल्फर दानेदार, पांच किलो जिक सल्फेट देने से आलू का भरपूर उत्पादन होगा। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को यह जानकारी दी जा रही है।
300 रुपये मिल रहा यूरिया का बैग
सरकार ने यूरिया की कीमत प्रति बैग 266.50 रुपये निर्धारित की है। लेकिन, ये बैग किसानों को 280 से 300 रुपये का दिया जा रहा है। किसानों का कहना है कि केंद्र संचालक भाड़ा जोड़कर कीमत ले रहे हैं। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है। केंद्र संचालक निर्धारित कीमत पर ही यूरिया की बिक्री करेंगे, इस संबंध में सख्त निर्देश दिए गए हैं। किसी संचालक की शिकायत मिलती है तो लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।