फाइलों से बाहर न निकल सकी शहर के चौराहों काे संवारने की याेजना, जानिए वजह Aligarh news

शहर की सीमाओं पर चौराहों को संवारने का ढिंढोरा तो नगर निगम अधिकारियों ने खूब पीटा लेकिन एक चौराहा तक दुरुस्त न करा सके। तीन माह पूर्व सारसौल चौराहे पर काम भी छेड़ दिया गया। चौराहे से 100 मीटर दायरे में सड़क फुटपाथ दुरुस्त होने थे जगह-जगह लाइट लगनी थी।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 03:12 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 03:14 PM (IST)
फाइलों से बाहर न निकल सकी शहर के चौराहों काे संवारने की याेजना, जानिए वजह Aligarh news
चौराहों को संवारने का ढिंढोरा तो नगर निगम अधिकारियों ने खूब पीटा, लेकिन एक चौराहा तक दुरुस्त न करा सके।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। शहर की सीमाओं पर चौराहों को संवारने का ढिंढोरा तो नगर निगम अधिकारियों ने खूब पीटा, लेकिन एक चौराहा तक दुरुस्त न करा सके। तीन माह पूर्व सारसौल चौराहे पर काम भी छोड़ दिया गया। चौराहे से 100 मीटर दायरे में सड़क, फुटपाथ दुरुस्त होने थे, जगह-जगह लाइट लगनी थी। लेकिन, कुछ हो न सका। काम बीच में ही रुक गया। यहां तक चौराहे के निकट हो रहा गड्ढा भी नहीं पाटा जा सका है। बताते हैं कि चौराहों के सुंदरीकरण का खाका फिर तैयार किया हो रहा है। इसमें स्मार्ट सिटी की टीम भी निर्माण विभाग की मदद कर रही है। अंडरग्राउंड विद्युत लाइन बिछाने पर भी विचार चल रहा है।

शुरुआत में शहर की सीमाओं के चौराहों को शामिल किया गया

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में सेंटर प्वाइंट चौराहा शामिल है। यहां सुंदरीकरण का कार्य अंतिम दौर में है। बाकी चौराहों का सुंदरीकरण कराने की योजना नगर निगम ने बनाई है। शुुरुआत में शहर की सीमाओं के चौराहों को शामिल किया गया है। इनमें सासनीगेट चौराहा, एटा चुंगी चौराहा, क्वार्सी चौराहा और सारसौल चौराहा हैं। सारसौल चौराहे को पहले लिया गया। इसके लिए 60 लाख का बजट पारित हुआ था। अतिक्रमण हटाकर सड़कों को चौड़ा करने की तैयारी कर ली।

चौराहे से 100 मीटर के दायरे मेंं काम होना है 

दरअसल, जीटी रोड स्थित इस चौराहे से दिल्ली के लिए सीधा रास्ता है। सिद्धपीठ खेरेश्वरधाम के लिए भी यहीं से रास्ता निकलता है। चौराहे से 100 मीटर के दायरे में काम होना है। हफतेभर काम भी चला। इस बीच सड़क किनारे कच्चे, पक्के निर्माण जेसीबी से ढहा दिए गए। मगर, इसके बाद कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी। जहां से कब्जे हटाए गए थे, वहां अस्थाई दुकानें फिर जम गईं। इलाका पुलिस ने भी टोका टाकी नहीं की। ऐसे ही चलता रहा तो समय पर योजनाओं का क्रियांवयन कैसे हो सकेगा।

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