कभी स्‍वतंत्रता सेनानियों का आरामगाह रहे मजरा के लोग अब पलायन को मजबूर, जानिए मामला Aligarh news

चंडौस क्षेत्र के गांव नगला पदम के आजादी से भी पहले से गुलजार रहे माजरा लक्ष्मण गढ़ में आज तक आधारभूत विकास नहीं पहुंचा है। ग्रामीणों की माने तो इस समस्या के चलते 20 से भी अधिक परिवार यहां से अन्य स्थानों की ओर पलायन कर चुके हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 03:27 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 03:47 PM (IST)
कभी स्‍वतंत्रता सेनानियों का आरामगाह रहे मजरा के लोग अब पलायन को मजबूर, जानिए मामला  Aligarh news
पक्‍की सड़क न होने से रास्‍ते में जमा कीचड़ दिखाते लोग।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। चंडौस क्षेत्र के गांव नगला पदम के आजादी से भी पहले से गुलजार रहे मजरा लक्ष्मण गढ़ में आज तक आधारभूत विकास नहीं पहुंचा है। ग्रामीणों की माने तो इस समस्या के चलते 20 से भी अधिक परिवार यहां से अन्य स्थानों की ओर पलायन कर चुके हैं।

 

कभी यह मजरा स्‍वतंत्रता सेनानियों के लिए आरामगाह हुआ करता था

गांव के बुजर्गों का कहना है कि महगौरा व नगला पदम के रास्ते में घने पेड़ों के बीच स्थित यह मजरा कभी स्वतंत्रता सेनानियों के लिए आरामगाह का काम किया करता था। यहां पुराने समय से ही एक तालाब एवं मंदिर भी स्थित है।जहां करीब 20 परिवार रह कर पशुपालन एवं खेतीबाड़ी का कार्य करते थे।

गांव को मुख्‍य मार्ग से जोड़ने वाले रास्‍ते का नहीं किया गया निर्माण

इस गांव को छोड़कर नगला पदम में अस्थायी तौर पर रह रहे लोगों का कहना है कि आज तक यहां न तो बिजली न पेय जल और ना ही मुख्य मार्ग से गांव को जोड़ने वाले रास्ते का निर्माण कराया गया है। जिसके चलते न तो बच्चे स्कूल जा सकते और ना ही किसी मरीज को समय से अस्पताल ले जाया जा सकता था। घरों तक पहुचने के लिए अपने वाहनों को भी करीब एक किमी दूर छोड़ कर जाना पड़ता है। अनेक अधिकारी व जनप्रतिनिधियों से यहां रोड निर्माण एवं शुरुआती विकास के लिए गुहार लगाई गई, लेकिन किसी ने इसमें रुचि नहीं दिखाई। जिसके चलते एक दो को छोड़कर ज्यादातर परिवार इस जगह से पलायन कर गए। जिनमें से कुछ परिवार गांव नगला पदम में किराए के घर लेकर अथवा दूसरों के मकान में रह कर गुजर-बसर कर रहे हैं। 

पेयजल व बिजली की व्‍यवस्‍था ठीक हो तो रुक सकता है पलायन

गांव से पलायन कर चुके नीरज देवी, रामवीर सिंह, राजेंद्र सिंह, सेवानिवृत्त अध्यापक दान सिंह, भोपाल सिंह, कल्याण सिंह, मनोज कुमार, नेपाल सिंह, राजेंद्र सिंह, मलखान सिंह ,बिजेंद्र सिंह, श्यामवीर सिंह, शैलेंद्र सिंह, रामवीर सिंह आदि का कहना है कि यदि यहां पेयजल, बिजली एवं पक्के रास्ते के निर्माण हो जाये तो पुनः यह मजरा गुलजार हो जाएगा।

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