भाजपा के लिए अध्‍यक्ष की कुर्सी की राह नहीं आसान, बड़ी हैं मुश्किलें Aligarh news

भाजपा को जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी हथियाने कड़ी मशक्कत करनी होगी। राह कतई आसान नहीं है। क्योंकि नाै सीटे होने के चलते भाजपा बहुमत से काफी दूर है। वह निर्दलीयों की सहायता लेने के जुगाड़ में है मगर अभी तक कोई रणनीति नहीं बन पाई है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 03:23 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 05:39 PM (IST)
भाजपा के लिए अध्‍यक्ष की कुर्सी की राह नहीं आसान, बड़ी हैं मुश्किलें Aligarh news
भाजपा को जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी हथियाने कड़ी मशक्कत करनी होगी।

अलीगढ़, जेएनएन।  भाजपा को जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी हथियाने कड़ी मशक्कत करनी होगी। राह कतई आसान नहीं है, क्योंकि नाै सीटे होने के चलते भाजपा बहुमत से काफी दूर है। वह निर्दलियोंं की सहायता लेने के जुगाड़ में है, मगर अभी तक कोई रणनीति नहीं बन पाई है। ऐसे में  राह आसान नहीं होगी।

भाजपा ने झोंकी पूरी ताकत

भाजपा ने इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी थी। पहली बार पार्टी ने प्रदेश से प्रत्याशी घोषित किए थे। भाजपा ही एकमात्र पार्टी थी जिसने सभी 47 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। पार्टी ने 28 से अधिक सीटें जीतने का दावा किया था, जबकि अध्यक्ष पद के लिए 24 सदस्य चाहिए। मगर, भाजपा को मात्र नौ सीटें मिली हैं। ऐसी दशा में वह न आगे बढ़ सकती है और न ही पीछे हट सकती है, क्योंकि आगे बढ़ने में उसे संभावना है कि कहीं रालोद आदि के सदस्य उसके साथ न आए। यहां तक निर्दलीय भी साथ नहीं दे सकते हैं। ऐसे में भाजपा के नौ सदस्य लाख कोशिश के बाद भी अपना अध्यक्ष नहीं चुन पाएंगे।

हर दल रणनीति तैयार करने में जुटी

भाजपा समर्थित विजय देवी अध्यक्ष पद की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं। मगर, जाट समाज के लोगों के अधिक जीतकर आने से रणनीति बनते हुए नजर नहीं आ रही है। भाजपा को यह संदेह है कि जाट उनके साथ नहीं आएंगे। इसलिए पार्टी अभी कोई खुलकर दांव नहीं खेल रही हैॅ। मगर, पार्टी के वरिष्ठ नेता यह दावे जरूर करते हैं कि अध्यक्ष उनकी पार्टी से ही होगा। इसके लिए वह सतत प्रयास भी कर रही है, क्योंकि भाजपा हरहाल में अध्यक्ष की कुर्सी पर पार्टी के पदाधिकारी को ही बिठाने की कोशिश करेगी। क्योंकि कई जिलों में सपा का दबदबा है। ऐसे में यदि सपा की ओर लोगों का रुझान बढ़ा तो रास्ते और मुश्किल होते जाएंगे। सपा के साथ रालोद है और निर्दलीयों का साथ मिल  गया तो पार्टी खेल बदलने की कोशिश करेगी। ऐसे में वहीं, अंदरखाने चर्चा चलने लगी है कि पार्टी एक और को भी सक्रिय करने की तैयारी में है। एनवक्त में पार्टी अपने में शामिल करने के बाद उन्हें मैदान में उतार सकती है। क्योंकि अलीगढ़ के आसपास के कई जिलों में सपा का दबदबा है। ऐसे में भाजपा के लिए एक-एक सीट का महत्व है। ऐसे में भाजपा अलीगढ़ सीट को हरहाल में जीतना चाहेगी। भाजपा जिलाध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल सिंह ने बताया कि पूरा संगठन लगा हुआ है। हम निश्चित रुप में जीतेंगे। पार्टी ने रणनीति बना ली है, यदि मैदान में उतरे तो मजबूती के साथ लड़ेंगे।

chat bot
आपका साथी