पीएम का अलीगढ़ दौरा सफल होने पर अधिकारी गदगद तो नेता फूले नहीं समा रहे Aligarh news

पीएम के सफल कार्यक्रम का श्रेय लूटने का काम हर कोई कर रहा है। अधिकारी गदगद हैं तो नेता फूले नहीं समा रहे। हफ्ते भर तो सफल कार्यक्रम की चर्चा ही होती रही मगर कार्यक्रम स्थल पर जो हालात पैदा हुए उसकी ङ्क्षचता कोई नहीं कर रहा है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 08:59 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 08:59 AM (IST)
पीएम का अलीगढ़ दौरा सफल होने पर अधिकारी गदगद तो नेता फूले नहीं समा रहे Aligarh news
पीएम के सफल कार्यक्रम का श्रेय लूटने का काम हर कोई कर रहा है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता । पीएम के सफल कार्यक्रम का श्रेय लूटने का काम हर कोई कर रहा है। अधिकारी गदगद हैं तो नेता फूले नहीं समा रहे। हफ्ते भर तो सफल कार्यक्रम की चर्चा ही होती रही, मगर कार्यक्रम स्थल पर जो हालात पैदा हुए, उसकी चिंता कोई नहीं कर रहा है। अधिकारी व्यस्त हैं तो नेता चुनावी तैयारियों में लगे हैं। कार्यक्रम स्थल के पास मुख्य मार्ग पर बालू का ढेर लगा पड़ा है। अलीगढ़-पलवल मार्ग के एक पट्टी पर बालू पड़ी है, उसे आजतक हटाया नहीं । यदि बारिश हो जाती है तो एक तरफ का मार्ग पूरी तरह से बाधित हो जाता है। वाहनों से उड़ती बालू लोगों की आंखों में जाती है, रास्ता चलना मुश्किल हो जाता है। करीब दो हफ्ते हो गए, उसे हटाया नहीं गया। जितनी ताकत झोंक कर कार्यक्रम को सफल बनाया, उसका एक गुना मेहनत करके यदि रेत हटा दी जाती तो रास्ता साफ हो जाता।

तीन गुट तैयार... कर रहे वार

चुनावी मौसम में गुटबाजी तेज है, सत्ता दल में गुटबाजी चरम पर है। अपने-अपने गुट को मजबूत करने के लिए किलेबंदी चल रही है। वर्तमान में तो ये नेता तीन गुटों में बंटे हुए हैं, चुनाव तक आते-आते गुट बढ़ भी सकते हैं। तीनों गुटों के मुखिया अपने-अपने पाले में जनप्रतिनिधियों को लाने की कोशिश में हैं, जिससे उनका गुट मजबूत हो सके। गुटबाजी के चक्कर में संगठन के कर्मठ, निष्ठावान कार्यकर्ता परेशान हो चुके हैं। वो संठगन का काम करना चाहते हैं, मगर उनके सामने दुविधा रहती है, एक गुट में जाएं तो दूसरा गुट नाराज हो जाता है, दोनों गुटों में तालमेल बिठाएं तो तीसरा गुट नाराज हो जाता है। गुटबाजी के चक्कर में कार्यकर्ता चकरघिन्नी बन गया है। वो ये नहीं समझ पा रहा है कि संगठन का काम करें या फिर गुटबाजी में फंसे। यदि बड़े नेताओं ने ध्यान नहीं दिया तो गुटबाजी नुकसानदेह साबित होगी।

वीर के हाथ सौंपी कमान

आपसी गुटबाजी में कभी-कभी अप्रत्याशित हो जाता है, कमल वाली पार्टी में ऐसा ही हुआ। जिले में युवाओं के नेता की काफी समय से तलाश थी, जो युवाओं की बागडोर अच्छे से संभाल सके। दो-तीन नाम शीर्ष पर थे। जिले में यह चर्चा थी कि इन्हीं नामों में कोई एक नाम होगा। मगर, किसी को यह नहीं पता था कि गुटबाजी के चलते ऐसा नाम उभर कर आएगा, जिसके बारे में कभी कोई चर्चा ही न रही हो। दो दिन पहले जब लिस्ट जारी हुई तो राजनीति के पारिखी भी चौक गए, उन्हें विश्वास ही नहीं था कि ऐसा नाम आएगा। बहरहाल, बानरी सेना की कमान अब वीर को दे दी गई है, देखना हैं कि उनके तरकस में कितने तीर हैं? क्योंकि चुनाव में सबसे अधिक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी युवाओं की टोली की होती है। उसे संभालना और चुनाव में लगाना, बड़ी भूमिका है। हालांकि, संगठन का अनुभव खूब हैै।

गजब के हैं नेताजी...

जिले में कमाल के एक नेताजी निकले, उन्होंने तो जिलाध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष की बात तो छोड़ो, पीएम तक को नहीं छोड़ा। पीएम के साथ अपनी फोटो एडिट करके लगा दी। किसान नेता ने फोटो भी इंटरनेट मीडिया पर जारी कर दी। फोटो में नेताजी पीएम का अभिवादन करते हुए दिखाई दे रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि पीएम की अगवानी की जिम्मेदारी उन्हें ही दी गई थी। पार्टी के नेता इस हरकत को देखकर दंग रह गए। कुछ नेताओं में तो बहस तक छिड़ गई कि आखिर वो पीएम तक कैसे पहुंचे? उन्हें अगुवानी की जिम्मेदारी किसने दी थी? सीएम के साथ भी उन्होंने अपनी फोटो एडिट करके इंटरनेट मीडिया पर डाल दी है। तमाम लोग सेल्फी आदि के माध्यम से फोटो डालते हैं, मगर किसान नेता ने तो सारी हदें तोड़ दीं। हालांकि, पीएम से जुड़ा मामला होने के चलते बड़े नेताओं तक यह खबर पहुंचे गई है।

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