भव्यता और दिव्यता की छटा बिखेरेगा अलीगढ़ का अचल सरोवर Aligarh news
पौराणिक इतिहास के पन्नों पर अपने अस्तित्व को समेटे आस्था का सरोवर अचल भव्यता और दिव्यता की अनुपम छटा बिखेरेगा। साल के अंत तक इसे भव्य रूप दे दिया जाएगा। श्रद्धालुओं में उत्साह के साथ उत्सुकता भी है।
लोकेश शर्मा, अलीगढ़ । पौराणिक इतिहास के पन्नों पर अपने अस्तित्व को समेटे आस्था का सरोवर अचल भव्यता और दिव्यता की अनुपम छटा बिखेरेगा। साल के अंत तक इसे भव्य रूप दे दिया जाएगा। श्रद्धालुओं में उत्साह के साथ उत्सुकता भी है। उत्सुकता इस बात की है कि अचल सरोवर नए रूप में कैसा नजर आएगा? सरोवर का आकार और स्वरूप कैसा होगा? यहां से गुजरने वाले श्रद्धालु कुछ क्षण रुककर निर्माण कार्य देख आते हैं। श्रद्धालुओं की उत्सुकता देखते हुए नगर निगम ने प्रस्तावित माडल की कुछ तस्वीरें जारी की हैं। जिसमें दिखाया गया है कि निर्माण के बाद अचल सरोवर कैसा नजर आएगा।
स्मार्ट सिटी परियोजना
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत अचल सरोवर को संवारने का कार्य जनवरी, 2020 में शुरू हुआ था। 25 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी राजकीय निर्माण निगम को सौंपी गई है। 18 माह में निर्माण कार्य पूरा करना था, लेकिन काेरोना संकट के चलते काम रुक गया। हालात सामान्य होते ही पुन: निर्माण शुरू करा दिया गया। इन दिनों परिक्रमा ब्रिज बनाने का कार्य चल रहा है। ये ब्रिज गुमटी के चारों ओर बनाए जाएंगे, जिससे श्रद्धालु गुमटी की परिक्रमा लगा सकें और सभी ओर से सरोवर का नजारा देख सकें। सरोवर से जुड़ी नालियों को पहले ही बंद करा दिया गया था, जिससे गंदा पानी सराेवर में न जाए। अचल परिसर में कुछ छोटे मंदिर भी हटाए गए हैं। यहां यज्ञ स्थल, तुलसी वाटिका व अन्य निर्माण होने हैं। सड़क का भी चौड़ीकरण किया जाएगा। श्रद्धा और आस्था से जुड़ा अचल सरोवर पर्यटन स्थल के रूप में भी उभरेगा।
महादेव की प्रतिमा देगी भव्यता
अचल गुमटी के ऊपर महादेव की 20 फुट ऊंची प्रतिमा अचल सरोवर को भव्यता देगी। दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर यहां संगीत युक्त फाउंटेन का प्रस्ताव भी है। फाउंटेन में संगीत की मधुर धुनों पर राम-सीता, राधा-कृष्ण, गौरीशंकर समेत अन्य देवी-देवताओं की छवि नजर आएगी। ध्वनि युक्त फव्वारे अलग ही आनंद देंगे। यहां आने वाले पर्यटक नौका विहार का भी आनंद उठा सकेंगे। गिलहराज मंदिर से आरती घाट तक एक ही रंग-रूप की 20 दुकानों का निर्माण कराया जाएगा। यहां पूजन सामग्री के अलावा अन्य सामान भी मिल सकेगा। लाइटिंग की बेहतर व्यवस्था होगी। चारों ओर आकर्षक लाइट लगेंगे। रात में अचल सरोवर दूधिया रोशनी से नहा जाएगा।
पौराणिक मान्यताएं
अचल सरोवर से जुड़े ढेरों किस्से हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार बड़े भाई बलराम के साथ भगवान श्रीकृष्ण खेरेश्वरधाम में आए थे। लौटते समय अचल सरोवर स्थित अचलेश्वरधाम मंदिर में उन्होंने विश्राम किया था। वहीं, अज्ञातवास के समय नकुल व सहदेव यहां आए थे और सरोवर में स्नान किया। इसके बाद अचल सरोवर की महिमा बढ़ती चली गई। यहां दाऊजी, सिद्धपीठ श्री गिलहराज मंदिर, गणेश मंदिर आदि प्रसिद्ध मंदिर स्थापित होते चले गए। बताते हैं कि 200 वर्ष पहले मराठा सरदार माधवजी सिधिया मुगलों को खदेड़ते हुए यहां पहुंचे थे। उनका साम्राज्य झांसी तक था। अचलेश्वर मदिर पर उन्होंने अपनी सेना के साथ विश्राम किया। उन्होंने ही अचल सरोवर के चारों खाई खुदवाई थी। इसके बाद विशाल जलाशय के रूप में यह सरोवर दिखाई देने लगा। मंदिर निर्माण भी कराया। तब यहां चारों ओर जंगल था। कहते हैं जो भी श्रद्धाभाव से यहां आता है, उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है।