कर्मयोग का आदर्श उदाहरण है संत रविदास का जीवन Aligarh news
परोपकार सामाजिक सेवा संस्था तोछीगढ़ के तत्वावधान में कस्बा इगलास की शास्त्री नगर कॉलोनी में महान समाज सुधारक संत रविदास की 644वीं जयंती मनाई गई। संत रविदास के अनुयाईयों ने संस्था के सदस्यों व स्थानीय युवाओं के साथ मिलकर श्रद्धांजलि दी।
अलीगढ़, जेएनएन : परोपकार सामाजिक सेवा संस्था तोछीगढ़ के तत्वावधान में कस्बा इगलास की शास्त्री नगर कॉलोनी में महान समाज सुधारक संत रविदास की 644वीं जयंती मनाई गई। संत रविदास के अनुयाईयों ने संस्था के सदस्यों व स्थानीय युवाओं के साथ मिलकर श्रद्धांजलि दी।
संत रविदास के आदर्शों पर चलने का आहवान
संस्था के अध्यक्ष जतन चौधरी ने कहा संत शिरोमणि संत रविदास ने सदैव अंधविश्वास, पाखंडवाद, छुआछूत, सामाजिक कुरीतियों व नशाखोरी तथा मांसाहार का विरोध किया था। संत रविदास का जीवन कर्मयोग का आदर्श उदाहरण है। मुख्य वक्ता डॉ. संजय सिंह ने कहा कि संत रविदास प्रकृति पूजक, सत्यवादी, कर्म को ही ईश्वरभक्ति मानने वाले थे। समय बद्धता उनके आचरण में थी हम सभी को भी उनके जीवन से प्रेरणा लेकर प्रत्येक कार्य समय पर ही सम्पन्न करना चाहिए। उनका मानना था कि मनुष्य जन्म से नहीं कर्म से ही महान बनता है। ये बात संत रविदास जी ने अपने कार्य व व्यवहार से प्रमाणित भी की थी। रंजीत सिंह, राधा चौधरी, काव्य चौधरी, राजकुमार सिंह, विपिन, मनीष व प्रियांसु ने भी संत रविदास की जीवनी तथा कृतियों को सुनाया और सभी ने उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वीरेंद्र सिंह व संचालन ज्योति शर्मा ने किया। इस मौके पर अरविंद कुमार, हरेंद्र सिंह,अगम्य उपाध्याय, मधु, प्रभा, चांदनी, पूनम, धर्मवीर सिंह, शिवाजी, मनोज, सुनील, सचिन, भानूप्रताप, आकाश, सुरेश सिंह आदि लोग मौजूद रहे।