नक्शे के लिए एडीए का झंझट खत्म, आटोमैटिक लखनऊ से हो रहे पास
छोटे-छोटे भवन स्वामियों को नक्शा पास कराने के लिए अब एडीए के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे आटोमैटिक लखनाउऊ से बन रह हैं।
जासं, अलीगढ़ : छोटे-छोटे भवन स्वामियों को नक्शा पास कराने के लिए अब एडीए के चक्कर नहीं काटने पड़ रहे हैं। अब शासन स्तर से ही लो रिस्क के नक्शे आटोमैटिक पास हो रहे हैं। पिछले तीन महीने में अलीगढ़ विकास प्राधिकरण क्षेत्र के 55 से अधिक लो रिस्क के नक्शे आटोमैटिक पास हो गए हैं। अभियंताओं का दखल खत्म करने के लिए शासन स्तर से यह फैसला हुआ है।
शहर में सुनियोजित विकास की जिम्मेदारी अलीगढ़ विकास प्राधिकरण की है। इसी के हिसाब से प्राधिकरण नक्शे जारी करता है। अब तक 300 वर्गगज व इससे बड़े नक्शों को आनलाइन पास किया जा रहा है। 300 वर्गगज तक के नक्शों को दो श्रेणियों में पास किया जाता है। एक हाई रिस्क व दूसरे लो रिस्क हैं। लो रिस्क के नक्शों में पहले से लेआउट पास कालोनियों के भवन होते हैं। शासन से इन नक्शों को प्राथमिकता से पास करने के निर्देश हैं, लेकिन अभियंता अड़ंगा फंसाते थे। जानबूझ कर लोगों को परेशान किया जाता है। एक नक्शा पास कराने के लिए कई-कई चक्कर लगाने पड़ते थे। ऐसे में पिछले दिनों शासन स्तर से अभियंताओं का दखल कम करने के लिए 300 वर्ग गज के लो रिस्क के नक्शों को आटोमैटिक पास करने का फैसला लिया गया। इसमें भवन स्वामी को साफ्टवेयर पर आनलाइन नक्शा अपलोड करना होता है। इसके बाद यह शासन स्तर पर पहुंचता है। वहां से जांच पड़ताल के बाद इसे पास कर दिया जाता है। एडीए में जुलाई से आटोमैटिक नक्शे पास होने की शुरुआत हुई थी। अब तक करीब 55 नक्शे पास हो चुके हैं। इसमें सभी नक्शे ले आउट पास कालोनियों के हैं।
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शासन स्तर से लो रिस्क के नक्शों को आनलाइन पास किया जा रहा है। पिछले तीन महीने में 55 नक्शे आटोमैटिक पास हुए हैं। इससे लोगों को राहत मिलेगी।
अर्जुन सिंह तोमर, प्रभारी सचिव, एडीए