मानसिक रोगी हुई तो घर छोड़ दिया, स्वजन मान चुके थे मृत, याददाश्त आई तो खुद को पाया जेल में, ऐसी है एक मां की कहानी Aligarh news
जिस युवती को उसके स्वजन मृत मान रहे थे और वह अलीगढ़ की जेल में मिली है। मानसिक रूप से बीमार बिहार की यह युवती 22 महीने पहले दिल्ली से गायब हो गई थी। यहां बच्चा चोरी के आरोप में गिरफ्तार की गई।
अलीगढ़, जेएनएन : जिस युवती को उसके स्वजन मृत मान रहे थे और वह अलीगढ़ की जेल में मिली है। मानसिक रूप से बीमार बिहार की यह युवती 22 महीने पहले दिल्ली से गायब हो गई थी। यहां बच्चा चोरी के आरोप में गिरफ्तार की गई। तब स्वजन के संबंध में कुछ नहीं बता सकी, लेकिन अब इलाज के बाद परिवार की याद आई तो घर का रास्ता आसान हो गया। स्वजन को पहले तो इस खबर पर विश्वास न हुआ, लेकिन फोन पर आवाज सुनी तो हैरान रह गए। आंखें भर आईं। अब वे कानूनी औपचारिकता पूरी कराके युवती को साथ ले जाने के लिए अलीगढ़ आएंगे।
पांच साल पहले हुई थी शादी
नालंदा (बिहार) के अस्ता खज्जमा धरधारी निवासी दुर्गेश प्रसाद ने बेटी पुष्पलता की झारखंड निवासी युवक रविरंजन से करीब पांच साल पहले शादी की थी। कुछ दिन बाद रविरंजन दिल्ली में काम करने चले आए। यहां पुष्पलता ने एक बेटी परी को जन्म दिया। अब वह करीब चार साल की हो चुकी है। पति रविरंजन ने बताया कि पुष्पलता फिर से गर्भवती हुई तो प्रसव से कुछ ही दिन पूर्व वह मानसिक रूप से बीमार हो गई। जून 2019 में पुष्पलता अचानक घर से चली गई। परी को छोड़ गई। इसकी काफी तलाशा की, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा।
लोगों ने किया था पुलिस के हवाले
महीनों की तलाश में भी पुष्पलता का कुछ पता न लगा तो स्वजन ने उसे मृत मान लिया। जबकि, पुष्पलता भटकती हुई अलीगढ़ आ गई थी। यहां की सड़कों पर घूम रही थी। 28 जुलाई 2019 को सासनीगेट इलाके के बिहारी नगर में छह साल के बच्चे कबीर ले जा रही थी। तभी उसे बच्चे को अगवा कर ले जाने का आरोप लगाकर लोगों ने पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। पूछताछ में नाम-पता कुछ नहीं बता सकी। पुलिस ने उसे जेल भेज दिया।
जेल में बच्चे को दिया जन्म
जेल जाने के कुछ दिन बाद ही पुष्पालता ने एक बेटे को जन्म दिया। इसके चलते कुछ दिन अस्पताल में रही। फिर उसे बेटे समेत जेल में दाखिल कर दिया गया। यहां वह मानसिक बीमारी के चलते अजीबो-गरीब हरकतें करने लगीं। यहां तक की बेटे को गला दबाकर मारने की कोशिश भी की। जेल प्रशासन ने कोर्ट के आदेश पर बच्चे को आगरा के अनाथलय भिजवा दिया। महिला को बनारस के मानसिक आरोग्यशाला में भर्ती करा दिया गया। इलाज के बाद उसकी तबीयत ठीक होने पर बीते साल अक्टूबर में अलीगढ़ जेल आ गई।
घर की सताने लगी याद
पुष्पलता को जेल में आने पर मां-बाप, पति व अपने बच्चों की याद सताने लगी। इसका जिक्र वह साथी महिला बंदियों से करने लगी। पिछले दिनों जेल में जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव दीपक कुमार मिश्रा बंदियों की समस्या सुन रहे थे तब पुष्पलता ने उनसे अपने स्वजन से मिलने की इच्छा जताई। अपने पिता का नाम, पता बताया तो प्राधिकरण सचिव ने नालंदा के कुछ न्यायिक अधिकारियों से संपर्क किया। फिर पीएलवीकर्मी को उसके पिता के घर भेजा। जहां से जेल अफसरों के मोबाइल फोन पर पुष्पलता से बात कराई गई। इससे स्वजन की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
इनका कहना है
बच्चा चोरी के आरोप में बंद पुष्पलता ने विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव से मदद मांगी थी। उनके ही सतत प्रयासों से स्वजन से बातचीत संभव हो सकी है। अब जमानत व कानूनी औपचारिकताओं के बाद ही उसकी रिहाई की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।
-प्रमोद कुमार सिंह, जेलर