शहर की सड़कों में समा रहे डिवाइडर, महकमा बना अनजान, जानिए वजह Aligarh news

यातायात को व्यवस्था करने और सड़क हादसों को रोकने के लिए बने डिवाइडर सड़कों में समाते जा रहे हैं। कुछ सड़कें तो ऐसी हैं जहां डिवाइडर का आस्तित्व ही मिट चुका है। मिट्टी और मलवा देखकर ही अनुमान लगाया जाता है कि यहां कभी डिवाइडर भी था।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 06:14 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 06:15 AM (IST)
शहर की सड़कों में समा रहे डिवाइडर, महकमा बना अनजान, जानिए वजह Aligarh news
यातायात को व्यवस्था करने और सड़क हादसों को रोकने के लिए बने डिवाइडर सड़कों में समाते जा रहे हैं।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  यातायात को व्यवस्था करने और सड़क हादसों को रोकने के लिए बने डिवाइडर सड़कों में समाते जा रहे हैं। कुछ सड़कें तो ऐसी हैं, जहां डिवाइडर का आस्तित्व ही मिट चुका है। मिट्टी और मलवा देखकर ही अनुमान लगाया जाता है कि यहां कभी डिवाइडर भी था। दरअसल, इन सड़कों पर वाहनों के टकराने से एक बार डिवाइडर क्षतिग्रस्त हुआ तो उसकी मरम्मत नहीं की गई। जो हिस्सा क्षतिग्रसत हुआ, वहां से डिवाइडर उखड़ता चला गया। ऊपर की ठोस परत हटी तो अंदर भरा मिट्टी और मलवा बारिश के पानी में बह गया। सड़कों को विभाजित करने वाले इन डिवाइडराें की सालों से किसी महकमे ने सुध नहीं ली। यही वजह है कि प्रमुख मार्गों पर डिवाइडर के अवशेष ही शेष रह गए हैं।

बीच बीच में डिवाइडर का बड़ा हिस्‍सा गायब

गांधीपार्क बस अड्डे से सारसाैल चौराहे तक डिवाइडर की हालत देखकर ही इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। बीच-बीच में डिवाइडर का बड़ा हिस्सा गायब है। वाहन आसानी से रोड क्रास कर लेते हैं, जाे जोखिम भरा साबित हो सकता है। इसके चलते कई हादसे भी हो चुके हैं। बावजूद इसके न अलीगढ़ विकास प्राधिकरण चेता, न नगर निगम और न ही पीडब्ल्यूडी ने कोई प्रयास किए। जबकि, सड़कों के निर्माण और मरम्मत में करोड़ों रुपया लगाने का दावा ये विभाग करते हैं। यही हाल अनूपशहर रोड पर जमालपुर फ्लाईओवर के निकट हाईवे का है। यहां भी डिवाइडर सालों से क्षतिग्रस्त पड़ा है। रेलिंग भी नहीं है।

शिकायतों के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई

कोल विधानसभा के अंतर्गत आने वाले इस क्षेत्र में स्थानीय लोगों ने डिवाइडर ठीक कराने के लिए कई बार शिकायतें कीं, लेकिन इनका संज्ञान नहीं लिया गया। स्थानीय लोगों के मुताबित ये डिवाइडर हादसों की वजह बना हुआ है। हर रोज दो-तीन हादसे इसी की वजह से होते हैं। कभी वाहन डिवाइडर पर चढ़ जाते हैं, तो कभी पलट जाते हैं। कांग्रेस नेता साहिल उस्मानी ने बताया कि बारिश के चलते डिवाइडर ही हालत और खस्ता हो गई है। रात में इस मार्ग से निकलना बहुत जोखिम भरा है। स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी हैं। अंधेरे में वाहन चालक डिवाइडर का अंदाजा नहीं लगा पाते और डिवाइडर पर वाहन चढ़ जाता है। उन्होंने डिवाइडर पर रेलिंग लगाने की मांग की है। मेडिकल रोड पर नगर निगम ने डिवाइडर उखाड़ा था, लेकिन मलवा यूं ही छोड़ दिया। इससे भी वाहन चालकों को परेशानी हो रही है।

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