अलीगढ़ में बच्चों में भी छाया योग का क्रेज, नियमित कर रहे अभ्यास Aligarh news
योग से अमूमन बड़ों का जुड़ाव रहता है। अब बच्चों में भी योग की आदत आ रही है। शहर में तमाम स्थानों पर बच्चे नियमित योग कर रहे हैं। अपने परिवार के साथ योग शिक्षक के साथ वह सुबह और शाम को योग क्रियाएं करते हैं।
अलीगढ़, जेएनएन । योग से अमूमन बड़ों का जुड़ाव रहता है। अधिकांशत: तो बुजुर्ग योग करते हैं। मगर, अब बच्चों में भी योग की आदत आ रही है। शहर में तमाम स्थानों पर बच्चे नियमित योग कर रहे हैं। अपने परिवार के साथ, योग शिक्षक के साथ वह सुबह और शाम को योग क्रियाएं करते हैं। तमाम अभिभावकों का कहना है कि योग से शरीर फिट रहता है, इसलिए बच्चों को नियमित योग करना ठीक रहता है।
बच्चों में छाया योग का क्रेज
अमूमन योग से जुड़ाव बुजुर्गों का माना जाता है। उम्र बढ़ने पर लोग स्वस्थ रहने के लिए योग की शुरुआत कर देते हैं, कुछ 40 की उम्र पार करने के बाद योग की शुरुआत करते हैं, मगर शहर में योग से बच्चे भी जुड़ रहे हैं, वह भी नियमित योग कर रहे हैं। पतंजलि योग शिक्षक भूपेंद्र शर्मा ने कहा कि जिले में तमाम जगहों से बच्चों को योग का प्रशिक्षण दिलाने के लिए फोन आते हैं। अभिभावक कहते हैं कि बच्चे को योग से जोड़ना है, बचपन से ही यदि योग करने लगेगा तो आगे आदत बनी रहेगी। इसलिए कई जगहों पर योग शिक्षक भेजे गए हैं, जो बच्चों को बकायदा योग का प्रशिक्षण देते हैं। भूपेंद्र शर्मा बताते हैं कि बच्चों को बेहद सरल और सहज योग के बारे में पहले जानकारी दी जाती है, जिससे योग के प्रति उनके अंदर रुझान पैदा हो। ध्यान आदि की क्रिया भी बच्चे करने लगे हैं। वह अपने परिवार के साथ अच्छे से ध्यान और प्राणायाम करते हैं। अनुलोम-विलोम और कपालभाति का प्रशिक्षण धीरे-धीरे दिया जाता है।
पांच साल की उम्र से कर सकते हैं योग
आरएसएस के योग शिक्षक रहे जगदीश पाठक का कहना है कि योग में उम्र निर्धारित नहीं है। पांच साल की उम्र से योग कर सकते हैं। इसलिए योग से बच्चों को जोड़ना बहुत आवश्यक है। बचपन से वो जुड़ जाएंगे तो योग का उन्हें अच्छा अभ्यास हो जाएगा, वो स्वस्थ और निरोग रहने लगेंगे। जगदीश पाठक बताते हैं कि वह प्रतिदिन बच्चों के साथ योग करते हैं। 10 से 12 बच्चे उनके साथ योग का अभ्यास करते है, जबकि आजकल के बच्चे मोबाइल में व्यस्त रहते हैं, मगर उनके साथ पार्क में आकर बच्चे अच्छे से योग करते हैं। उनके अंदर योग के बारे में जानने की लालसा भी होती है। वह बताते हैं कि आरएसएस के तमाम परिवारों में लोग बच्चों के साथ योग कर रहे हैं, उन्हें पता है कि आने वाले दिनों में तमाम तरह की दिक्कतें बढ़ जाती हैं, इसलिए नियमित रुप से योग करेंगे तो निराेग रहे हैं। जगदीश पाठक ने कहा कि जिस प्रकार से दिनचर्या बदल रही है, ऐसे में हर किसी को नियमित योग करना पड़ेगा।