कोरोना संक्रमण से सुर-लय-ताल सब बिगड़ा, अब नहीं गूंज रहे भजन Aligarh news
कोरोना जिस प्रकार से तेजी से फैल रहा है उससे तमाम लोगों के सामने आर्थिक समस्याएं खड़ी होती जा रही हैं। अब देवी जागरण और आरके स्ट्रा के कलाकारों के सामने समस्या खड़ी हो गई। लगातार दूसरे साल उन्हें कोरोना के चलते नुकसान उठाना पड़ रहा है।
अलीगढ़, जेएनएन । कोरोना जिस प्रकार से तेजी से फैल रहा है, उससे तमाम लोगों के सामने आर्थिक समस्याएं खड़ी होती जा रही हैं। अब देवी जागरण और आरके स्ट्रा के कलाकारों के सामने समस्या खड़ी हो गई। लगातार दूसरे साल उन्हें कोरोना के चलते नुकसान उठाना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि अप्रैल में बुकिंग रद की जा रही हैं, जबकि इस महीने जबरदस्त बुकिंग थी। इससे कलाकार मायूस होने लगे हैं, उनका कहना है कि लगातार दाे साल तक वो कैसे नुकसान झेल सकते हैं, ऐसे में तमाम कलाकार घोर निराशा की ओर जाने लगे हैं।
पिछले साल मार्च में हुआ था संपूर्ण लाकडाउन
पिछले साल कोरोना मार्च में काफी जोर पकड़े हुए था। इसको देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को संपूर्ण लाकडाउन घोषित कर दिया था। इसी के बाद अप्रैल से नवरात्र शुरू हो गए थे। लोगों ने देवी जागरण की बुकिंग पहले से करा रखी थी, लाकडाउन होते ही सभी ने बुकिंग कैंसिल करानी शुरू कर दी। इससे देवी जागरण के कलाकारों के सामने समस्या खड़ी हो गई। चूंकि सभी कुछ बंद पड़ा हुआ था, इसलिए किसी के सामने कोई रास्ता नहीं था। अब चूंकि फिर से मार्च महीने से कोरोना तेज हुआ है तो फिर कलाकारों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। संगीत कलाकार सामाजिक सेवा समिति के कलाकार भी घोर निराशा में हैं, उनका कहना है कि अप्रैल और मई में जबरदस्त बुकिंग थी। एक भी दिन खाली नहीं था, मगर कोरोना ने सबकुछ चौपट कर दिया है।
सरकार निकाले रास्ता
संगीत कलाकार सामाजिक सेवा समिति के अध्यक्ष जगदीश गोस्वामी का कहना है कि सरकार को कलाकारों के लिए कोई न कोई रास्ता निकालना चाहिए। उन्हें कार्यक्रम की अनुमति दे, हम सभी नियमों के अनुसार कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगे। उन्होंने कहा कि गीत-संगीत मन को तरोताजा करता है, इससे शरीर ठीक रहता है, इसलिए कोराेना से लड़ने की लोगों के अंदर क्षमता विकसित होगी। देवी जागरण और आरके स्ट्रा पर रोक नहीं लगनी चाहिए। कलाकारों के सामने समस्या खड़ी हो गई है।
ठोस कदम उठाने की जरूरत
संगीत कलाकार सामाजिक सेवा समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विकास गुप्ता ने कहा कि लगातार दो साल से हम लोगों का काम बंद पड़ा है। तमाम ऐसे लोग हैं जिनका गीत संगीत के माध्यम से परिवार का खर्च चलता था। कोरोना के चलते बिल्कुल बंद कर दिया गया है, ऐसे में हम सभी कैसे अपने परिवार का खर्च चला पाएंगे यह सोचनीय विषय है। सरकार को इस बारे में कोई न कोई ठोस कदम उठाना चाहिए।
अपने देश में होती है सम्मान
संगीता आरोड़ा का कहना है कि हमारे देश में गीत-संगीत का बहुत सम्मान किया जाता है। देवी का आह्वान करने के लिए मां की आरती, भजन आदि प्रस्तुत किए जाते हैं। इससे मां भगवती सभी के कष्ट को हर लेती है। ऐसे में देवी जागरण बंद करा दिया गया है। यदि यह कार्यक्रम होते रहते तो देश में कहीं कोई दिक्कत नहीं आने वाली थी। तमाम महिला कलाकार हैं, जो देवी जागरण पर ही आधारित हैं, उनके सामने आर्थिक समस्या खड़ी हो गई है।
संगीत बढ़ाता है आत्मबल
गीतकार जीतू किशोर का कहना है कि गीत-संगीत से तमाम बीमारियां ठीक हो जाती हैं। विदेशों में इसपर रिसर्च चल रहा है। कई प्रमाण आए जिससे मरीज ठीक होते पाए गए हैं। यदि कोरोना के समय भी लाेग भजन-कीर्तन में व्यस्त रहते हैं तो उनका आत्मबल बढ़ता है, क्योंकि लोगों का बार-बार ध्यान कोरोना की तरफ नहीं जाता। चूंकि अब देवी जागरण हो नहीं रहे हैं, धार्मिक कार्यक्रमों पर भी रोक सी लगी हुई है, ऐसे में घूम-फिरकर आदमी का ध्यान कोरोना की तरफ जाता है।