शिक्षकों के हाथों में नहीं आई ‘उम्मीद के रंग’ किताब, जानिए मामला Aligarh news

अलीगढ़ जागरण संवाददाता। कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को उम्मीद के रंग किताब से प्रेरणा दिए जाने की याेजना बनाई गई थी। स्कूल को बेहतर बनाने व गुणवत्तापरक शिक्षा बच्चों को देने के नए तरीके शिक्षकों को पढ़ने के लिए मिलने थे।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 10:24 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 10:24 AM (IST)
शिक्षकों के हाथों में नहीं आई ‘उम्मीद के रंग’ किताब, जानिए मामला Aligarh news
शिक्षकों को प्रेरित करने के उद्देश्य से शासन ने 'उम्मीद के रंग' नाम से किताब प्रकाशित कराई थी।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को उम्मीद के रंग किताब से प्रेरणा दिए जाने की याेजना बनाई गई थी। स्कूल को बेहतर बनाने व गुणवत्तापरक शिक्षा बच्चों को देने के नए तरीके शिक्षकों को पढ़ने के लिए मिलने थे। मगर उम्मीद के रंग पुस्तक विद्यालयों में शिक्षकों के हाथों में तक नहीं पहुंच सकी है। जबकि इस पुस्तक की लांचिंग 2020 में ही कर दी गई थी।

प्रदेश के 24 जिलों के एक एक शिक्षिक शिक्षिका के संघर्ष की कहानी

सरकारी स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से शासन ने 'उम्मीद के रंग' नाम से किताब प्रकाशित कराई थी। इसमें प्रदेशभर से 24 जिलों में से हर जिले से एक-एक शिक्षक-शिक्षिका के संघर्ष की कहानी को प्रकाशित किया गया है। जिन्होंने अपने प्रयासों से स्कूल को बेहतर स्थिति में पहुंचाया और स्कूल में छात्र-छात्राओं की संख्या व शिक्षा गुणवत्ता को भी बढ़ाया है। अलीगढ़ से पूर्व माध्यमिक विद्यालय जुझारपुर की विज्ञान की शिक्षिका वर्षा श्रीवास्तव का भी प्रदेशस्तर पर चयन हुआ था। इस पुस्तक की डिजिटल लांचिंग राज्यमंत्री बेसिक शिक्षा डा. सतीश चंद्र द्विवेदी व निदेशक बेसिक शिक्षा डा. सर्वेंद्र बहादुर सिंह ने 26 अगस्त 2020 को ही कर दी थी। मगर अभी तमाम विद्यालयों में शिक्षकों के हाथों में ये पुस्तक नहीं पहुंच सकी है।

बीएसए ने कहा सभी ब्‍लाक से मांगी जा रही जानकारी

कंपोजिट विद्यालय लेखराजपुर के प्रधानाध्यापक मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि उनके विद्यालय व ब्लाक में उम्मीद के रंग किताब नहीं उपलब्ध कराई गई है। अगर शासनस्तर से ऐसी कोई याेजना थी तो उसका क्रियान्वयन भी किया जाना चाहिए। बीएसए सतेंद्र कुमार ढाका ने कहा कि सभी ब्लाक से जानकारी मांगी जा रही है। अगर किताब नहीं आई हैं तो शासन से मागदर्शन मांगा जाएगा। अगर किताबें अाने के बावजूद नहीं बांटी गईं तो जिलास्तर पर संबंधित से जवाब मांगा जाएगा।

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