उम्र भले ही छोटी हो लेकिन दिमाग में देश-दुनिया के मामले होंगे, जानिए कैसे

नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों के लिए ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि भले ही विद्यार्थियों की उम्र छोटी हो लेकिन उनके दिमाग में देश दुनिया की जानकरी रहेगी। इसके लिए प्रयास बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों से ही की जा रही है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 01:18 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 01:45 PM (IST)
उम्र भले ही छोटी हो लेकिन दिमाग में देश-दुनिया के मामले होंगे, जानिए कैसे
कक्षा छह से आठवीं तक के विद्यार्थियों को नई व्यवस्था से पहले जाेड़ा जाएगा।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों के लिए ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि भले ही विद्यार्थियों की उम्र छोटी हो लेकिन उनके दिमाग में देश दुनिया की जानकरी रहेगी। इसके लिए प्रयास बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों से ही की जा रही है। कक्षा छह से आठवीं तक के विद्यार्थियों को इस नई व्यवस्था से पहले जाेड़ा जाएगा। इसके तहत विद्यार्थी बचपन से ही सामान्य ज्ञान के क्षेत्र में आगे भी होंगे और उनका बौद्धिक विकास भी संभव होगा। नए सत्र से इसकी शुरुआत हर बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल में कराए जाने का खाका तैयार किया जा रहा है।

पढ़ाई के साथ नालेज भी बढ़ाएंगे विद्यार्थी

शिक्षा की शुरुआती सीढ़ियां चढ़ने वाले व पहाड़े सीखने वाले कक्षाओं में बैठकर सिर्फ पढ़ाई ही नहीं करेंगे बल्कि वो अपना जनरल नालेज को भी बढ़ाएंगे। अपनी ही नहीं अपने सहपाठियों के लिए भी ये ज्ञानवर्धन करने का काम करेंगे। कक्षा छह से आठवीं तक के विद्यार्थी विद्यालय में जब आएंगे तो वो घर से या आस-पड़ोस से अखबार लेकर देश-दुनिया की जानकरियों की कटिंग लेकर आएंगे। स्कूल में उस कटिंग को वो ड्राइंग शीट पर चिकाएंगे। हर विद्यार्थी जब ये प्रक्रिया करेगा तो कई सारी जानकारियां ड्राइंग शीट पर उपलब्ध होंगी। इनको एक-दूसरे से साझा भी किया जाएगा। जिससे हर जानकारी हर विद्यार्थी के पास तक पहुंचे। कोरोना काल की विषम परिस्थितियों के बाद शिक्षा क्षेत्र में भी काफी बदलाव किए जा रहे हैं। यह बदलाव विद्यार्थियों को तकनीकी ज्ञान व रोजगारपरक शिक्षा देने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

शुरुआती कक्षा में ककहरा और पहाड़ा सीखते हैं बच्‍चे

कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं जो शुरुआती चरण में ककहरा व पहाड़ा याद करना सीखते हैं, अब वह अपने छोटे-छोट अखबार भी तैयार करेंगे। प्रोजेक्ट कार्य के तहत बच्चों को यह गतिविधि कराई जाएगी। इसके तहत रोजाना समाचार पत्रों में छपने वाले समसामयिक घटनाक्रम व सामान्य ज्ञान की विषय वस्तु को काटकर एक अलग सीट पर चिपकाया जाएगा। ऐसी कई घटनाओं को संकलित कर एक साथ एक सीट पर लगाकर बच्चे अपना अखबार तैयार करेंगे। इस अखबार को स्कूल में अन्य विद्यार्थियों के साथ भी साझा किया जाएगा। इससे एक विद्यार्थी की ओर से तैयार किया गया अखबार जिसमें अलग-अलग जानकारियां होंगी वह दूसरे बच्चों तक पहुंचेगी। इसी तरह किसी अन्य विद्यार्थी द्वारा तैयार किए गए अखबार को जब दूसरे विद्यार्थी पढ़ेंगे तो उनके पास कई क्षेत्रों का सामान्य ज्ञान इकट्ठा होगा। इसके अलावा प्रोजेक्ट के तौर पर विद्यार्थियों को कहानी, कविता, लेख आदि तैयार करने के गुर भी सिखाए जाएंगे। प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों के निर्देशन में छात्र-छात्राएं इन गतिविधियों को करेंगे। ब्लाकवार जिले के सभी स्कूलों में यह गतिविधियां कराई जानी अनिवार्य होंगी। इस संबंध में शासन की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। जिलास्तर पर शिक्षा अधिकारियों ने भी प्रधानाध्यापकों व खंड शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में तैयारियां करने के निर्देश दे दिए हैं।

इनका कहना है

बीएसए सतेंद्र कुमार ढाका ने बताया कि यह विद्यार्थियों के लिए काफी हितकर व्यवस्था सिद्ध होगी। इसके क्रियान्वयन के संबंध में स्पष्ट आदेश आने पर ये गतिविधि स्कूलों में शुरू कराई जाएगी। इससे विद्यार्थियों के ज्ञान में भी बढोतरी होगी व उनमें जनरल नालेज भी बढ़ेगी।

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