बच्ची के अपहरण के आरोपित को दो बार बुलाया थाने, विधिक राय लेगी पुलिस Aligarh news

पुलिस कंट्रोल रूम के सामने से दो साल की बच्ची के अपहरण के मामले में आरोपित युवक को पुलिस की ओर से अभी क्लीनचिट नहीं मिली है। पुलिस की जांच अभी भी जारी है। सीसीटीवी फुटेज व काल रिकार्डिंग के आधार पर युवक को निर्दोष माना गया है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 08:57 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 09:20 AM (IST)
बच्ची के अपहरण के आरोपित को दो बार बुलाया थाने, विधिक राय लेगी पुलिस Aligarh news
बच्ची के अपहरण के मामले में आरोपित युवक को पुलिस की ओर से अभी क्लीनचिट नहीं मिली है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। पुलिस कंट्रोल रूम के सामने से दो साल की बच्ची के अपहरण के मामले में आरोपित युवक को पुलिस की ओर से अभी क्लीनचिट नहीं मिली है। पुलिस की जांच अभी भी जारी है। सीसीटीवी फुटेज व काल रिकार्डिंग के आधार पर युवक को निर्दोष माना गया है। इसी आधार पर उसे नोटिस देकर हिरासत से छोड़ा गया था। इसके बाद पुलिस उसे दो बार थाने बुला चुकी है। इस दौरान उससे वही सवाल दोहराए गए। देखा गया कि कहीं जवाबों में अंतर तो नहीं है। हालांकि, ऐसा कुछ नहीं मिला। पुलिस अब इस मामले में विधिक राय लेगी। इस मामले में सवाल भी उठ रहे हैं कि पुलिस ने अपहरण के मुकदमे में आरोपित को हिरासत में लिया तो छोड़ क्यों दिया? कानून के जानकारों का मानना है कि पुख्ता साक्ष्य न मिलने पर पुलिस ऐसा कर सकती है।

कार से बरामद हुई थी बच्‍ची

12 अक्टूबर को दिनदहाड़े एक कार में दो साल की बच्ची का अपहरण कर लिया गया था। इसके माता-पिता मजदूरी कर रहे थे। पुलिस का दावा था कि घेराबंदी करके कार सवार हमजा कालोनी निवासी फैसल को पकड़ा था। कार से ही बच्ची भी बरामद हुई थी। फैसल ने पुलिस को पूछताछ में बताया था कि कार बैक करते समय उसे लगा कि बच्ची टायर के नीचे आ गई है और बेहोश हो गई है। इसी बीच लोग भी इकट्ठा हो रहे थे। पिटने के डर से वह बच्ची को कार में डालकर जवाहर लाल नेहरू (जेएन) मेडिकल कालेज ले गया था। वहां नर्सों को दिखाया फिर बच्ची को घटना स्थल पर ही छोड़ने जा रहा था। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो युवक अस्पताल व बताए गए अन्य स्थानों पर दिखा। उसके मोबाइल फोन में कुछ रिकार्डिंग भी थीं, जिसमें वह घबराते हुए बच्ची के बारे में जिक्र कर रहा है। 20 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए गए, जो फैसल को जानते थे। इस आधार पर उसे निर्दोष माना गया। हिरासत से छोड़ने के बाद पुलिस ने 14 अक्टूबर को फैसल को थाने बुलाया था। करीब आधा घंटा पूछताछ की गई। इसके चार दिन बाद फिर उसे बुलाया गया। इस केस की विवेचना कर रहे दोदपुर चौकी इंचार्ज हरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि दोनों बार पूछताछ में उसने पूर्व में दिए बयानों को ही दोहराया है।

पिता को दिखाई सीसीटीवी फुटेज

बच्ची के पिता मुकेश ने बताया कि पुलिस ने फैसल का उनसे आमना-सामना भी कराया। सीसीटीवी फुटेज दिखाईं। इससे लग रहा है कि युवक की मंशा अपहरण की नहीं थी। वहीं, ताऊ पूरन का कहना है कि हमें अब कोई कार्रवाई नहीं करानी। हालांकि, जिस दिन पुलिस ने आरोपित को छोड़ा तब ताऊ और पिता ने इस मामले की सही से जांच कराने की मांग की थी।

फैसल का रिकार्ड खंगाल रही पुलिस

मूलरूप से बुलंदशहर के बुढ़ावली निवासी फैसल करीब पांच-छह साल से अलीगढ़ में रहकर कपड़े का कारोबार कर रहा है। उसने एएमयू में पढ़ाई भी की थी। पुलिस ने उसके जानने वाले लोगों से भी पूछताछ की है। लेकिन, अभी तक कोई संदिग्ध बात सामने नहीं आई है। हालांकि पुलिस फैसल का पुराना रिकार्ड भी खंगाल रही है।

नोटिस देकर छोड़ सकती है पुलिस

दि अलीगढ़ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बृजेश सिंह का कहना है कि अगर किसी भी मामले में हिरासत में लिए गए युवक के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिलता है या मौजूद तथ्यों में वह दोषी माना जाता है तो पुलिस नोटिस पर उसे छोड़ सकती है। इस दौरान उसे जब-जब बुलाया जाए, तब-तब आना होगा। ऐसा न करने पर पुलिस गिरफ्तारी की कार्रवाई कर सकती है। महासचिव संजय पाठक ने बताया कि चालान या गिरफ्तारी से पहले अगर पुलिस को लग रहा है कि किसी मामले में आरोपित की मंशा नहीं है तो उसे छोड़ा जा सकता है।

इनका कहना है

बच्ची के अपहरण के मामले में अभी जांच चल रही है। सभी तथ्यों को वेरिफाइ किया गया है। अभी तक इस केस में अपहरण की मंशा सामने नहीं आई है। फिर भी इसमें विधिक राय ली जाएगी। इसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकेगा।

- कलानिधि नैथानी, एसएसपी

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