अलीगढ़ में दस के नोट ने किया बखेड़ा, टूटी शादी

जासं अलीगढ़ शादियों में दुल्हन पक्ष की युवतियों से दूल्हे के दोस्तों द्वारा हंसी मजाक करना आ

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 01:57 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 01:57 AM (IST)
अलीगढ़ में दस के नोट ने किया बखेड़ा, टूटी शादी
अलीगढ़ में दस के नोट ने किया बखेड़ा, टूटी शादी

जासं, अलीगढ़: शादियों में दुल्हन पक्ष की युवतियों से दूल्हे के दोस्तों द्वारा हंसी मजाक करना आम बात है। प्राचीन काल से ही शादियों में हंसी मजाक की परंपरा चली आ रही है। लेकिन अब मजाक भी गंभीर रूप ले लेता है। कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में दस के नोट ने शादी में बखेड़ा कर दिया। हंगामा इतना बढ़ा कि घरातियों व बरातियों के मध्य लात-घूंसे चल गए। हंसी खुशी से चल रही शादी की रस्मों में भंग पड़ गया। दूल्हा-दुल्हन ने शादी करने से इंकार कर दिया और बरात बिना दुल्हन लिए वापस लौट गई। मंगलवार को दोनों पक्षों की चली मैराथन वार्ता के बाद पंचायत ने हिसाब-किताब करने के बाद समझौता करा दिया।

कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की युवती का हाथरस के सादाबाद क्षेत्र के एक गांव के युवक से रिश्ता तय हुआ था। दो दिसंबर को सगाई की रस्म पूरी हुई। सात दिसंबर को शादी थी। आठ दिसंबर को दुल्हन के भाई की भी बरात जानी है। दुल्हन हाथों में मेहंदी रचाए वरमाला लिए तैयार बैठी थी। बरात दरवाजे पर आई हुई थी और हंसी खुशी से सभी खाना खा रहे थे। इस दौरान दुल्हन पक्ष की कुछ युवतियां खाने के लिए पहुंचीं तो दूल्हा पक्ष के युवकों ने मजाक करते हुए उनकी प्लेट में दस का नोट रख दिया। बात इतनी बढ़ गई कि पहले दोनों पक्षों में कहा सुनी हुई। बरातियों पर युवतियों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा। इसके बाद दोनों पक्षों में लात-घूंसे चल गए। झगड़ा होते देख दूल्हा अपने साथियों के साथ मौके से फरार हो गया।

सूचना पर कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को समझाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। दूल्हा पक्ष ने शादी से इंकार कर दिया। इसके बाद दुल्हन ने भी यह कहते हुए शादी करने से इंकार कर दिया कि वह झगड़ालू परिवार में जाकर अपनी जिदगी बर्बाद नहीं करेगी। मौके से पुलिस ने दूल्हे के चाचा सहित चार बरातियों को हिरासत में लेकर थाने में बिठा दिया। मंगलवार को सुबह से सायं तक दोनों पक्षों के मध्य कई दौर की मैराथन वार्ता चली। पंचायत ने दोनों पक्षों का हिसाब-किताब कराकर समझौता करा दिया। लेकिन दूल्हा-दुल्हन के जो शादी के लिए अरमान थे, वह धरे के धरे रह गए।

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