21 सूत्रीय मांगों को लेकर शिक्षकों ने बीआरसी पर दिया धरना, सौंपा ज्ञापन Aligarh news

अलीगढ़ जागरण संवाददाता। इगलास में प्राथमिक शिक्षक संघ ने बीआरसी पर अध्यक्ष राजेश कटारा के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान अपनी 21 सूत्रीय मांगों को दमदारी के साथ उठाया। वक्ताओं ने अपने विचार धरने के बाद डाक द्वारा मुख्य सचिव के लिए ज्ञापन भेजा।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 04:53 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 04:58 PM (IST)
21 सूत्रीय मांगों को लेकर शिक्षकों ने बीआरसी पर दिया धरना, सौंपा ज्ञापन Aligarh news
इगलास में प्राथमिक शिक्षक संघ ने बीआरसी पर अध्यक्ष राजेश कटारा के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। इगलास में प्राथमिक शिक्षक संघ ने बीआरसी पर अध्यक्ष राजेश कटारा के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान अपनी 21 सूत्रीय मांगों को दमदारी के साथ उठाया। वक्ताओं ने अपने विचार धरने के बाद डाक द्वारा मुख्य सचिव के लिए ज्ञापन भेजा।

विभाग की उत्‍पीड़नात्‍मक कार्यशैली से त्रस्‍त हैं शिक्षक

अध्यक्ष / मांडलिक मंत्री राजेश कटारा ने बताया कि परिषद विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक, शिक्षामित्र अनुदेशक, रसोइया एवं कस्तूरबा गांधी विद्यालय के शिक्षक विभाग की उत्पीड़नात्मक कार्यशैली से त्रस्त है। पुरानी पेंशन व प्रधानाध्यापक के पद समाप्त कर दिए गए हैं। जब नेता 5 वर्ष की सेवा देने पर आजीवन पेंशन के अधिकारी हो जाते हैं, तो शिक्षक 62 वर्ष तक सेवा देने के बाद पेंशन का अधिकारी क्यों नहीं बनता। यह भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शिक्षकों को मोबाइल, लैपटाप तथा इंटरनेट की सुविधा दिए बिना ही आनलाइन कार्य करने को मजबूर किया जा रहा है। शिक्षक लंबे समय से अपनी मांगे रखते आ रहे हैं, लेकिन सरकार केवल गुमराह कर रही है। संघ ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने सभी मांगे नहीं मानी तो शिक्षक सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे। माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा ने कहा कि शिक्षक कर्मचारी पूरी तरह से एकजुट हैं और अपने हक अधिकार के लिए हर स्तर तक संघर्ष करने को तैयार हैं। शिक्षक कर्मचारी पुरानी पेंशन को लेकर ही रहेंगे। धरने का संचालन विशाल शर्मा ने किया। इस मौके पर माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा, अशोक सिंह, भानुप्रताप सिंह, मधुबाला वर्मा, राजपाल सिंह, अजीत आर्या, नितेंद्र सिंह, राजबहादुर खां, सदन कुमार यशपाल सिंह, ऊदल सिंह आदि थे।

ये हैं शिक्षकों की 21 सूत्रीय मांगें

पुरानी पेंशन बहाली कैश लेस चिकित्सा, एसीपी , उपार्जित अवकाश एवं द्वितीय शनिवार अवकाश की मांग छात्रों को बैठने हेतु फर्नीचर, बिजली, पंखे , पीने का शुद्ध पानी एवं विद्यालय की बाउंड्री का निर्माण । प्रत्येक कक्षा पर अध्यापक , प्रत्येक विद्यालय में प्रधानाध्यापक , लिपिक , चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एवं चौकीदार के तैनाती की मांग। शिक्षकों के अन्तःजनपदीय एवं अन्तर्जनपदीय ( आकांक्षी जनपद सहित ) स्थानान्तरण तत्काल किया जाए। संविलियन व्यवस्था को निरस्त करते हुए शिक्षकों को पदोन्नति दी जाए। ऑनलाइन कार्य के नाम पर शिक्षकों का शोषण बन्द हो। 17140 व 18150 की विसंगति दूर करते हुए सभी शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान दिया जाए। सेवानिवृत्त शिक्षकों / पेंशनर्स की समस्याओं का निराकरण किया जाए। सभी शिक्षा मित्र,अनुदेशक, विशेष शिक्षक एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के शिक्षकों को स्थाई शिक्षक बनाने की मांग। सभी रसोईयों को स्थाई एवं प्रतिमाह दस हजार मानदेय दिया जाए। ऑगनवाड़ी सहायिका को दस हजार एवं कार्यकत्री को 15 हजार प्रति माह मानदेय दिया जाए । परिवार नियोजन प्रोत्साहन भत्ता , नगर प्रतिकर भत्ता बहाल करने एवं महंगाई भत्ते का एरियर भुगतान करने की मांग रखी। सामूहिक बीमा की धनराशि दस लाख करने की मांग। वार्षिक प्रविष्टि का शासनादेश वापस लेने की मांग । उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक 2021 वापस लेने की मांग । मृतक शिक्षकों के परिवारों को ग्रेच्युटी का भुगतान तत्काल किया जाए। मृतक शिक्षकों के आश्रितों को टीईटी से मुक्ति दिया जाए। मृतक शिक्षकों के आश्रितों को लिपिक के अधिसंख्य पदों पर नियुक्ति दी जाए। कोरोना महामारी एवं पंचायत निर्वाचन के दौरान मृत शिक्षक,शिक्षामित्र एवं अनुदेशकों के परिवारों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए। मृतक शिक्षामित्र, अनुदेशक एवं विशेष शिक्षक को आश्रित की नौकरी दी जाए।
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