Tantra ke gan : मुसीबत में भी जिम्मेदारियों से नहीं मोड़ा मुंह, कोरोना काल में विकास कार्यों को बढ़ाया आगे Aligarh News

अगर व्यवस्था में बुराइयों के लिए अफसरों को जिम्मेदार ठहराया जाता है तो फिर अच्छे कार्यों के लिए भी नौकरशाही के योगदान को नहीं भूलना चाहिए। कोरोना काल में तमाम अफसरों ने अपनी जिम्मेदारियों से बढ़कर प्रयास किए।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 07:11 AM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 07:11 AM (IST)
Tantra ke gan : मुसीबत में भी जिम्मेदारियों से नहीं मोड़ा मुंह, कोरोना काल में विकास कार्यों को बढ़ाया आगे Aligarh News
इन्हीं प्रयासों से जिले में कोरोना की स्थिति काबू में रही।

अलीगढ़, सुरजीत पुंढीर। अगर व्यवस्था में बुराइयों के लिए अफसरों को जिम्मेदार ठहराया जाता है तो फिर अच्छे कार्यों के लिए भी नौकरशाही के योगदान को नहीं भूलना चाहिए। कोरोना काल में तमाम अफसरों ने अपनी जिम्मेदारियों से बढ़कर प्रयास किए। 2015 बैच के आइएएस अफसर सीडीओ अनुनय झा भी इनमें से एक हैं। कोरोना संक्रमित होते हुए भी उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों से मुह नहीं मोड़ा। स्वास्थ्य सेवाओं में तो सहयोग दिया ही, विकास कार्यों को भी पीछे नहीं रहने दिया। क्वारंटाइन के दौरान भी घर से आनलाइन चिकित्सकों के इंटरव्यू लिए और अस्पतालों में तैनाती कराई। इन्हीं प्रयासों से जिले में कोरोना की स्थिति काबू में रही।

लॉकडाउन में किया बेहतर काम

पीएम मोदी ने मार्च में लॉकडाउन की घोषणा की तो प्रशासनिक अफसरों पर अचानक जिम्मेदारियां बढ़ गई। डीएम चंद्रभूषण सिंह के साथ सीडीओ अनुनय झा ने आगे बढ़कर इनसे निपटने के लिए जिम्मेदारी संभाली। प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए जहां रातों रात वाहनों की व्यवस्थाएं कराईं, वहीं खाने के लिए फूड बैंक तैयार कराया। रात में देर तक जागकर स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के साथ समीक्षा की तो सुबह जल्दी उठकर पूरे दिन की कार्ययोजना बनाई। जिले में कम समय में ही कई कोविड केयर सेंटर तैयार कराए। शुुरू में हर संक्रमित मरीज की खुद मानिटङ्क्षरग की। आनलाइन बातचीत कर हाल जाना। कई महीने तक परिवार से मिलने भी नहीं गए और अकेले ही रहे। 

संक्रमित हुए  सीडीओ

 शासन से अस्पतालों में वाक इन इंटरव्यू के माध्यम से चिकित्सकों की भर्ती के निर्देश मिले। सीडीओ ने निर्धारित से भी कम समय में चिकित्सकों की भर्ती कराई। इसी दौरान संक्रमित भी हुए, लेकिन कामकाज नहीं छोड़ा। शासन से लेकर जिला स्तर तक के अफसरों के साथ फोन व आनलाइन संवाद करते रहे। 

नियंत्रण में स्थिति : इसी मेहनत के चलते इतनी घनी आबादी होने के बाद भी अलीगढ़ में कोरोना की स्थिति बेकाबू नहीं हुई। बीच में मरीज बढ़े भी, लेकिन सभी को समय पर इलाज मिला। प्रशासन ने पर्याप्त समय रहते कोविड केयर सेंटर तैयार करा लिए। 

टॉप पर रहा अलीगढ़ 

कोरोना काल के दौरान विकास कार्यों में अलीगढ़ ने कई उपलब्धियां हासिल कीं। सामुदायिक शौचालय के निर्माण में जहां देशभर में पहला स्थान प्राप्त किया, वहीं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत महिला समूहों के कार्यों में पहला स्थान है। मनरेगा में भी वित्तीय वर्ष के पांच महीने में ही करीब 80 फीसद लक्ष्य पूरा कर लिया। अन्य विकास कार्य भी तेजी से आगे बढ़े। 

मथुरा से शुरुआत 

सीडीओ ने अपने करियर की शुरुआत मथुरा जिले से की। मथुरा में बतौर प्रशिक्षु एसडीएम रहे। यहां से तबादला झांसी हो गया। वहां दो तहसीलों में एसडीएम, मंडी में उपसभापति व विकास प्राधिकरण के ओएसडी रहे। फरवरी 2019 में इनकी तैनाती अलीगढ़ में सीडीओ के पद पर हुई।

सभी पुलिस-प्रशासनिक अफसरों ने कोरोना काल में अपना सवश्रेष्ठ देने का प्रयास किया। हर मरीज को समय से इलाज उपलब्ध कराया गया। इसी के चलते जिले में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में रही। अन्य जिलों के मुकाबले मृत्यु दर व संक्रमित दर भी कम रही।

अनुनय झा, सीडीओ

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