Coronavirus Alert in Aligarh : बच्चों का रखें खास ख्याल, बार-बार हाथ धुलवाएं

जिले में तेजी से फैलते कोरोना वायरस के बीच बच्चों का ध्यान रखना भी जरूरी है। जरा सी लापरवाही उन्हीं मुसीबत में डाल सकती है। वे सर्दी जुकाम वायरल डायरिया ही नहीं कोरोना संक्रमण की चपेट में भी आ सकते हैं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 11:27 AM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 12:15 PM (IST)
Coronavirus Alert in Aligarh : बच्चों का रखें खास ख्याल, बार-बार हाथ धुलवाएं
तेजी से फैलते कोरोना वायरस के बीच बच्चों का ध्यान रखना भी जरूरी है

अलीगढ़, जेएनएन। जिले में तेजी से फैलते कोरोना वायरस के बीच बच्चों का ध्यान रखना भी जरूरी है। जरा सी लापरवाही उन्हीं मुसीबत में डाल सकती है। वे सर्दी, जुकाम, वायरल, डायरिया ही नहीं, कोरोना संक्रमण की चपेट में भी आ सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार बच्चों को घर से बाहर न जाने दें। उन्हें मास्क लगाने की आदत डालें। सबसे अहम बात ये है कि उनके हाथ बार-बार साबुन से धुलवाएं। इससे वे कई गंभीर बीमारियों से बचे रहेंगे। 

बच्‍चों को बाहर नहीं जाने देना है

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डा. दुर्गेश कुमार ने बताया कि मौसम के बदलाव की वजह से बुखार इस वक्त आम हो चुका है। हर घर में बुखार से ग्रसित मरीज है, लेकिन बुखार के साथ खांसी और जुकाम का होना मुश्किल बढ़ सकता है। पांच माह के ऊपर के बच्चों को इस मौसम में वायरल डायरिया होने की संभावना ज्यादा होती है । इस रोग में बच्चे दूध पीते ही दस्त कर देते हैं। वहीं, अन्य बच्चों का भी इसी तरह ध्यान रखना है। उन्हें बाहर नहीं जाने देना है। इस समय बाहर निकलना बिल्कुल सुरक्षित नहीं। कुछ बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होती है। ये बच्चे जल्दी बीमार होते हैं। इसलिए इन्हें बैक्टीरिया या वारयस से ज्यादा बचाव की जरूरत होती है। 

ऐसे रखें बच्चों का ख्याल 

डा. दुर्गेश ने बताया कि इस समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। दिन में कई बार शिशुओं के अच्छी तरह से हाथ साफ करें। बार-बार मुंह को भी धोते रहें। क्योंकि, बच्चे हर चीज को छूते हैं और फिर हाथ मुंह में डाल लेते हैं। इससे वायरल डायरिया होने की संभावना ज्यादा होती है। मां-बाप दांत निकालने की बात सोच कर बच्चों का उपचार नहीं कराते और स्थिति गंभीर हो जाती है । बच्चों में बुखार भी तेजी से फैल रहा है। ऐसे में बच्चों की टीएलसी और प्लेटलेट्स कम हो जाती है। बच्चों में ऐसा बुखार पांच से सात दिन तक रहता है। इसलिए नियमित उपचार और दवाओं में कोताही नहीं बरतनी चाहिए।

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