Shradh 2021: श्रद्धा-समर्पण के साथ करिए श्राद्ध, ऐसे करें पितरों की आत्‍मा शांत, जानिए विस्‍तार से Aligarh News

Shradh 2021 वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज का कहना है कि पितृपक्ष पितरों की आत्मा की शांति का पर्व है। इसलिए जो भी पितृपक्ष में अपने पूर्वजों की आत्मा काे कष्ट देता है वह सुख और समृद्धि से वंचित रहता है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 07:58 AM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 07:58 AM (IST)
Shradh 2021: श्रद्धा-समर्पण के साथ करिए श्राद्ध, ऐसे करें पितरों की आत्‍मा शांत, जानिए विस्‍तार से Aligarh News
स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज ने कहा पितरों की आत्मा की शांति का पर्व है।

अलीगढ़, जेेएनएन। पितृपक्ष का शुभारंभ सोमवार से हो रहा है। तैयारियां शुरू हो गई हैं। दान-धर्म के लिए बाजार में खरीदारी भी शुरू हो गई है। पूर्वजों को याद करके श्रद्धा के साथ सपर्मण करने का यह पर्व है। वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज का कहना है कि पितृपक्ष पितरों की आत्मा की शांति का पर्व है। इसलिए जो भी पितृपक्ष में अपने पूर्वजों की आत्मा काे कष्ट देता है वह सुख और समृद्धि से वंचित रहता है। श्राद्ध पक्ष का समापन छह अक्टूबर को होगा।

अमावस्‍या तक मनाया जाता है श्राद्ध 

पूर्णानंदपुरी महाराज ने बताया कि प्रतिवर्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से आश्विन मास की अमावस्या तक श्राद्ध पर्व मनाया जाता है। इन 16 दिनों में पितृ घरों में पधारते हैं। इसलिए बड़े आदर और सत्कार के साथ उन्हें निमित्त मानकर प्रसाद ग्रहण कराना चाहिए। ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा देना चाहिए। पिंडदान करना चाहिए। पितृपक्ष में की गई गलतियों को लेकर अपने पितरों से क्षमा मांगें। साथ ही प्रतिदिन संध्या के समय में तिल के तेल का दीपक जरूर जलाएं। अपने परिवार सहित उनकी तिथि पर चावल, जौ, तिल, कुशा से ब्राह्मण के माध्यम से तर्पण करें। तर्पण के समय कौआ, गाय और कुत्तों को भी प्रसाद खिलाएं, इनके बाद ब्राह्मणों को भोजन करवाएं, स्वयं भी भोजन करें। इस दिन परिवार के प्रत्येक सदस्य दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना जरूर करें। जरूरतमंदों भोजन करवाएं, वस्त्र के साथ दक्षिणा भी दें। स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज ने कहा कि दुनिया में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जहां पूर्वजों को भी श्रद्धा-भाव से पूजा जाता है। इसलिए प्रत्येक सनातन संस्कृति से जुड़े व्यक्ति का कर्तव्य होता है कि वह पितृपक्ष में अपने पूर्वजों को जरूर याद करें और उनका पूजन करें।

बाजारों में खरीदारी हुई तेज

पितृपक्ष में तर्पण को लेकर बाजारों में शनिवार को खरीदारी तेज हो गई। बाजार में लोग हवन सामग्री, वस्त्र, बर्तन आदि दान-पुण्य के लिए खरीदारी की। शाम के समय बाजारों में भीड़ रही। घरों में भी तैयारी शुरू हो गई है। साफ-सफाई के साथ लोग तर्पण की तैयारियों में जुट गए हैं।

chat bot
आपका साथी