जेएन मेडिकल कालेज के सर्जनों ने महिला की दुर्लभ सर्जरी

अलीगढ़ की जिरोली निवासी 30 वर्षीय प्रियंका देवी ने अपने जीवन का एक भी दिन अस्पताल में नहीं बिताया था लेकिन अचानक पेट में दर्द सांस लेने में तकलीफ काले रंग के मल और पेट में सूजन ने उसकी हालत खराब कर दी।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 05:55 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 05:55 PM (IST)
जेएन मेडिकल कालेज के सर्जनों ने महिला की दुर्लभ सर्जरी
प्रयंका देवी को एएमयू के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज लाया गया।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। अलीगढ़ की जिरोली निवासी 30 वर्षीय प्रियंका देवी ने अपने जीवन का एक भी दिन अस्पताल में नहीं बिताया था, लेकिन अचानक पेट में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, काले रंग के मल और पेट में सूजन ने उसकी हालत खराब कर दी।

प्रयंका देवी को एएमयू के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज लाया गया, जहां डाक्टरों ने पित्त में पथरी और पोर्टल उच्च रक्तचाप के साथ एक दुर्लभ और घातक यकृत रोग की पहचान की। सर्जरी विभाग के डाक्टरों की एक टीम, प्रोफेसर मुहम्मद हबीब रज़ा, डा मुहम्मद सादिक अख्तर और प्रोफेसर मुहम्मद आजम हसीन (अध्यक्ष, कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग) ने रोगी को बीमारी से बचाने के लिए सफल एक्सप्लोरेट्री लैपरोटामी, कोलेसिस्टेक्टोमी और स्प्लेनेक्टोमी द्वारा सर्जरी की। प्रियंका देवी की हालत में सुधार हो रहा है और पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

प्रोफेसर काजी एहसान अली (अध्यक्ष, एनेस्थिसियोलाजी विभाग) ने अपनी टीम के साथ मरीज को सर्जरी के लिए एनेस्थीसिया दिया। प्रोफेसर हबीब रज़ा ने कहा कि सर्जरी के दौरान, रोगी की रक्त वाहिका जो तिल्ली से रक्त खींचती है, गुर्दे की बाईं नस से जोड़ी गई। यह एक बहुत ही दुर्लभ सर्जरी है जिसमें आंतों से रक्त प्रवाह को गुर्दे की रग से जोड़ा जाता है। डा सादिक अख्तर ने कहा कि ऐसे मामलों में लीवर की धमनियां ब्लाक हो जाती हैं, जिससे लीवर से रक्त का प्रवाह रुक जाता है। इससे पोर्टल प्रणाली में अधिक दबाव बनता है और नसें सूज जाती हैं तथा जीवन के लिए खतरा उत्पन्न हो जाता है।

प्रोफ़ेसर आजम हसीन ने कहा कि ऐसी बीमारी का इलाज बड़े शहरों के चुनिंदा मेडिकल सेंटरों पर बहुत अधिक शुल्क पर ही उपलब्ध है, लेकिन जेएन मेडिकल कालेज में कम आय वाले लोग इस सर्जरी को आसानी से करवा सकते हैं। कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने सर्जनों की टीम को बधाई देते हुए कहा कि मरीजों को इस तरह के इलाज के लिए दूर-दराज के स्थानों की यात्रा करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि जेएनएमसी में सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि महामारी के बाद भी जेएनएमसी में जटिल सर्जरी की प्रक्रिया निरंतर जारी रही। प्रोफेसर राकेश भार्गव (डीन, फैकल्टी आफ मेडिसिन) और प्रोफेसर शाहिद अली सिद्दीकी (प्रिंसिपल, जेएनएमसी) ने कहा कि पोर्टल हाइपरटेंशन के साथ लीवर की बीमारी रोगी के लिए घातक हो सकती है और इसकी सर्जरी जटिल होती है। हालांकि, अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं और फालो-अप की आसान पहुंच के कारण, राज्य भर के मरीज जटिल सर्जरी के लिए जेएनएमसी आना पसंद करते हैं।

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