जेएन मेडिकल में आर्थिक रूप से कमजोर हृदय रोगियों के किए ऑपरेशन, अपनाई स्टेंटिंग प्रक्रिया Aligarh News
प्रो रब्बानी ने बताया कि स्टेंटिंग प्रक्रिया न केवल जटिल होती है बल्कि महानगरों में सुपर-स्पेशियलिटी अस्पतालों में अत्यधिक शुल्क पर की जाती हैं। यह प्रक्रिया न्यूनतम चिकित्सा दर पर निम्न-आर्थिक स्तर के रोगियों के लिये एक वरदान साबित होगी।
अलीगढ़, जेएनएन। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलाजी विभाग के तत्वाधान में ‘कॉम्प्लेक्स स्टेंटिंग प्रक्रियाओं’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर 6 हृदय रोगियों पर स्टेंटिंग प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।
जेएनएमसी देश के चुनिंदा चिकित्सा संस्थानों में से एक
कार्डियोलोजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एमयू रब्बानी ने बताया कि जिन 6 रोगियों पर स्टेंटिंग प्रक्रिया अंजाम दी गई उनकी ओपन हार्ट बाईपास सर्जरी होनी थी। इन रोगियों को ‘लेफ्ट मेन कोरोनरी आर्टरी डिजीज’ की समस्या थी तथा उच्च कैल्शियम के जमाव के कारण उनकी कोरोनरी धमनियां पूर्ण रूप से अवरुद्ध हो गई थीं। इन रोगियों में इंट्रावास्कुलर अल्ट्रासाउंड (आईवीयूएस) के साथ ही कोरोनरी पोत इमेजिंग तथा ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (ओसीटी) की एक नई तकनीक की सहायता से एंजियोप्लास्टी का उपयोग संभव हो सका। प्रो रब्बानी ने बताया कि स्टेंटिंग प्रक्रिया न केवल जटिल होती है बल्कि महानगरों में सुपर-स्पेशियलिटी अस्पतालों में अत्यधिक शुल्क पर की जाती हैं। परन्तु जेएनएमसी में यह प्रक्रिया न्यूनतम चिकित्सा दर पर उपचार के साथ, निम्न-आर्थिक स्तर के रोगियों के लिये एक वरदान साबित होगी। प्रो रब्बानी ने आगे कहा कि जेएनएमसी देश के चुनिंदा चिकित्सा संस्थानों में से एक है जो कोविड-19 प्रतिबंधों के बावजूद चिकित्सा सेवाऐं प्रदान करता रहा है। उन्होंने कहा जेएनएमसी कैथ लैब कोविड मामलों में वृद्धि के बावजूद पूरी तरह से कार्यशील रही तथा सैकड़ों रोगियों को लाकडाउन अवधि के दौरान भी हेल्पलाइन के माध्यम से अपनी सेवाऐं निरंतर प्रदान करता रहा। उन्होंने कहा कि मार्च 2020 से लेकर वर्तमान समय तक कैथ लैब में कुल 900 कार्डियक प्रक्रियाएं की जा चुकी हैं।
स्टेंटिंग प्रक्रिया के उद्देश्य और कार्यशैली को चित्रों से समझाया
डा विवेक कुमार (निदेशक, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, मैक्स साकेत हॉस्पिटल, नई दिल्ली) ने इस कार्यशाला के संचालन में मदद की। बोस्टन साइंटिफिक, यूएसए और मेडट्रॉनिक्स यूएसए ने कार्यशाला के लिए तकनीकी सहायता और सहयोग प्रदान किया। कार्डियोलोजी विभाग के प्रो आसिफ हसन, प्रो एम एम अजहरुद्दीन और डा एम रफी अनवर ने स्टेंटिंग प्रक्रिया के उद्देश्य और कार्यशैली को चित्रों द्वारा समझाया। उन्होंने बताया कि स्टेंट कैसे धमनियों को बंद होने से रोकते हैं।