AMU JNMC : जेएन मेडिकल कालेज में 300 मरीजों की सफल ओपन हार्ट सर्जरी Aligarh News
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में कार्डियोवास्कुलर एण्ड थोरेसिक सर्जरी विभाग में वर्ष 2016 में ओपन हार्ट सर्जरी शुरू की गई थी तब से 300 रोगियों की जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक की जा चुकी हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में कार्डियोवास्कुलर एण्ड थोरेसिक सर्जरी विभाग में वर्ष 2016 में ओपन हार्ट सर्जरी शुरू की गई थी तब से 300 रोगियों की जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक की जा चुकी हैं।
ऐसे मिली सफलता
विभाग के अध्यक्ष प्रो. मुहम्मद आजम हुसैन ने बताया कि जेएन मेडिकल कालेज में पहला मामला 2016 में आया था। जब एक मध्य आयु वर्ग की महिला खुशबू को मेडिकल कॉलेज में अपने ”हार्ट वाल्व को बदलने के लिए भर्ती कराया गया था। मेडिकल कालेज में पहली ओपन हार्ट सर्जरी को याद करते हुए डा. आजम ने कहा कि प्रो. हुसैन और उनकी टीम के सदस्य डाक्टर एसपी सिंह और डा. मयंक यादव ने एएमयू और वीएमएमसी और सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली के सर्जनों ने संयुक्त रूप से जेएन मेडिकल कॉलेज में अपनी तरह का पहले ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। रोगी के ठीक होने के बाद परफ्यूम हार्ट वाल्व को बदल दिया गया और डिस्चार्ज कर दिया गया।
बेंटल प्रोसीजर से वाल्व लगया
उन्होंने कहा कि ओपन हार्ट सर्जरी प्रोग्राम के तहत पहली सफल सर्जरी के बाद अलीगढ़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में रोगियों ने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज में आना शुरू कर दिया और सस्ती फीस पर कई रोगियों की सफल सर्जरी यहां की गई है। प्रो. आजम हुसैन, डा एसपी सिंह और डा मयंक यादव की टीम ने हाल ही में 300वीं सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। पच्चीस वर्षीय साइमा एक ऐसे हृदय रोग से पीड़ित थी जिसमें हृदय से रक्त वापस हृदय में जाता था। इसके इलाज के लिये बेंटल प्रोसीजर अपना कर दिल में एक वाल्व लगया गया। सर्जरी के दौरान मरीज के दिल और फैंफड़ों को तीन घंटे तक रोक कर कृत्रिम पद्वति से आक्सीजन दिया गया। ये गंभीर सर्जरी आठ घण्टे तक जारी रही थी।
बच्चे की भी सर्जरी की
2017 में कार्डियोवस्कुलर और थोरेसिक सर्जरी के क्षेत्र में एक नया विकास हुआ, जब भारत सरकार की राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) योजना जेएन मेडीकल कालिज में लागू की गई, जिसके तहत अब तक 200 से अधिक सफल सर्जरी की जा चुकी हैं। प्रो. आजम हुसैन ने कहा कि बिहार के एक बच्चे की हाल ही में सर्जरी हुई थी। जिसकी हृदय की मांसपेशियां बढ़ गई थीं। कार्डियोवास्कुलर और थोरैसिक सर्जरी विभाग ने जटिल हृदय शल्य चिकित्सा के लिए ब्रिटिश इंस्टीट्यूट ऑफ हीलिंग लिटिल हार्ट्स संस्था के साथ एक समझौता किया है। इसके अतिरिक्त विभाग के विशेषज्ञ श्याम शाह मेडीकल कालिज, रीवा, मध्यप्रदेश और आरआइएमएस, इम्फाल, मणीपुर में ओपन हार्ट सर्जरी कार्यक्रम शुरू करने के लिए स्थानीय सर्जनों का मार्गदर्शन और प्रशिक्षण कर रहे हैं। विभाग हर साल 400 से अधिक कार्डियोवस्कुलर थोरेसिक सर्जरी करता है। इसमें वयस्क रोगियों के लिए दो महीने की प्रतीक्षा सूची और बच्चों के लिए पांच से छह साल है।
एएमयू कुलपति ने दी बधाई
प्रो. आजम हुसैन की टीम के अलावा, हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष प्रो. एमयू रब्बानी के नेतृत्व में चार कार्डियोलॉजिस्ट भी इसमें सक्रिय सहयोग दे रहे हैं। क्लिनिकल परफ्यूजनिस्ट डा साबिर अली खान, पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट डाक्टर शाद अबकारी और डाक्टर कामरान मिर्जा और कार्डियक एनेस्थेसियोलॉजिस्ट डाक्टर दीप्ती चन्ना भी ओपन हार्ट सर्जरी प्रोग्राम में शामिल हैं। एएमयू कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने मेडिकल कॉलेज के सर्जनों को 300 ऑपरेशन पूरा करने के लिए बधाई देते हुए कहा कि कोविड 19 द्वारा बनाई गई शर्तों के बावजूद, एएमयू डॉक्टर सफलतापूर्वक कई कठिन जीवन रक्षक सर्जरी कर रहे हैं और रोगियों को स्थानीय स्तर पर सस्ता उपचार प्राप्त हो रहा है यह विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों को आश्वस्त कर रहा है।