अक्टूबर से 'आधुनिक ज्ञान' की गंगा में डुबकी लगाएंगे विद्यार्थी, जानिए मामला Aligarh news
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में विद्यार्थियों की पढ़ाई अटक गई। आफलाइन माध्यम हो या आनलाइन माध्यम किसी भी तरह से पढ़ाई न कराने के आदेश शासन से जारी किए गए थे। अब कोरोना संक्रमण से थोड़ी राहत मिलने पर आनलाइन व आफलाइन पढ़ाई की शुरुआत कराई गई है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में विद्यार्थियों की पढ़ाई पूरी तरह अटक गई। आफलाइन माध्यम हो या आनलाइन माध्यम किसी भी तरह से पढ़ाई न कराने के आदेश शासन से जारी किए गए थे। अब कोरोना संक्रमण से थोड़ी राहत मिलने पर आनलाइन व आफलाइन पढ़ाई की शुरुआत कराई गई है। मगर कुछ हीलाहवाली के चलते ऐसी स्थिति भी उपजी है कि छात्र-छात्राएं तो हैं, तमाम घरों में एंड्रायड मोबाइल व इंटरनेट की सुविधा भी है, दूरदर्शन देखने को टीवी भी है लेकिन फिर भी पढ़ाई अटकी हुई है। दरअसल कक्षा नौवीं से 12वीं तक के माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों की आनलाइन पढ़ाई अब लगभग बंद हो गई है। हालांकि जो अभिभावक अपने बच्चों को कालेज नहीं भेज रहे, उन बच्चों को आनलाइन माध्यम से ही पढ़ाई करानी है। मगर अब कालेजों में छात्र संख्या बढ़ गई है। इसलिए उक्त कक्षाओं के विद्यार्थियों को आधुनिकता की पढ़ाई भी कराई जाएगी।
माध्यमिक शिक्षा परिषद के कालेजों में नया सत्र शुरू
माध्यमिक शिक्षा परिषद के कालेजों में नया सत्र शुरू हो गया है। कोरोना काल से राहत के बाद छात्र-छात्राएं कालेज आने लगे हैं। अब विद्यालयों में विद्यार्थियों को एंड्रायड मोबाइल चलाने के बारे में बताया जाएगा। अगस्त में इसकी शुरुआत माध्यमिक विद्यालयों में की जाएगी। इस व्यवस्था के तहत छात्रों को मोबाइल पर आनलाइन पढ़ाई से जुड़ने और व्हाट्सएप ग्रुप पर पढ़ाई करने के बारे में बताया जाएगा। साथ ही विभिन्न साइट से और इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म से शैक्षिक सामग्री ढूढ़ने और उसको डाउनलोड करने के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले तमाम विद्यार्थी ग्रामीण परिवेश से होते हैं। इसलिए जरूरी नहीं कि उनके घर पर टीवी हो और अगर टीवी हो तो वे या उनके स्वजन दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाली शिक्षण सामग्री को देखकर समझ सकें। इसके लिए उनके पास किताबों के साथ तकनीकी ज्ञान की जरूरत होती है। कोरोना संक्रमण काल के चलते सभी विद्यार्थी प्रमोट कर अगली कक्षा में तो भेज दिए गए लेकिन उनके पास अगली कक्षा का कोर्स पूरा करने के लिए कम समय ही है। ऐसे में आनलाइन व आफलाइन दोनों माध्यमों से पढ़ाई जारी रखनी होगी।
इनका कहना है
डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों को आनलाइन पढ़ाई से जुड़ने व शैक्षिक सामग्री जुटाने के लिए तकनीकी ज्ञान कराया जाएगा। जिससे भविष्य में किसी विषम परिस्थिति में छात्रों की पढ़ाई न अटके। प्रधानाचार्य इसके लिए विद्यालय समय में ही इन विशेष कक्षाओं का संचालन कराएंगे। इस संबंध में प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए गए हैं।